बैंक खाते में मौजूद रकम बिल्कुल सुरक्षित नहीं है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के रिटायर्ड कर्मचारी के अकाउंट से एक लाख रुपये पार हो गए जबकि उन्होंने ना तो अपना बैंक अकाउंट डिटेल किसी को दिया था और ना ही फोन कॉल किया था। ओटीपी देने का तो सवाल ही नहीं उठता। फिर भी उनके खाते से किस्तों में पैसे निकाल लिए गए। मामला कोटा थाना क्षेत्र का है।
गनियारी निवासी 65 वर्षीय भानु प्रकाश गुप्ता रिटायर्ड कर्मचारी है। वे 18 अप्रैल को पैसे निकालने के लिए बैंक गए थे तो उन्हें पता चला कि उनके अकाउंट से ₹100000 निकाल लिए गए हैं। बैंक प्रबंधन ने उन्हें जानकारी दी कि 5 से 10 अप्रैल के बीच उनके खाते से किस्तों में पैसे ट्रांसफर किए गए हैं। रिटायर्ड कर्मचारी ने बताया कि कुछ दिन पहले उन्होंने गनियारी स्थित एक चॉइस सेंटर में आधार कार्ड अपडेट करने के लिए डिटेल दिया था। इसके बाद उन्होंने आधार कार्ड अपडेट किया था। इसके बाद ही उनके बैंक अकाउंट से पैसे निकाले गए हैं। इसलिए चॉइस सेंटर संचालक पर संदेह किया जा रहा है। पुलिस ने धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर मामले को जांच में लिया है। टीआई उत्तम साहू ने बताया कि बुजुर्ग के पास ना तो कॉल आया और ना ही बैंक डिटेल लिया गया, फिर भी उनके खाते से रुपए पार कर दिया गया। असल में बैंक अकाउंट से आधार कार्ड लिंक रहता है। कई स्थानों पर आधार कार्ड से ही विड्रॉल की सुविधा होती है। हो सकता है कि चॉइस सेंटर के किसी व्यक्ति ने यह साइबर ठगी की हो, पुलिस मामले में जांच कर रही है।