S भारत न्यूज़ की खबर का फिर हुआ असर, मुंगेली में चौतरफा आलोचना के बाद आखिरकार भरे मंच से रामकथा बंद करवाने वाले आकाश चंदेल ने मांगी सार्वजनिक माफी

आकाश दत्त मिश्रा

मुंगेली के आकाश चंदेल ने वीडियो जारी कर अपने कृत्य के लिए माफी मांग कर रविवार के घटनाक्रम का पटाक्षेप कर दिया है। रविवार को मुंगेली नगर पालिका अध्यक्ष हेमेंद्र गोस्वामी के जन्मदिन के अवसर पर कुमार विश्वास नाइट का आयोजन किया गया था। इसी दौरान हेमेंद्र गोस्वामी के करीबी आकाश चंदेल से एक बड़ी चूक हो गई। सभी कार्यक्रमों की तरह इस कार्यक्रम में भी कुमार विश्वास के मंच पर आने से पहले उनका रिकॉर्डिंग कार्यक्रम चलाया जा रहा था, जिसमें उनके द्वारा कहे जाने वाले रामकथा का अंश भी था। इसी दौरान तमतमाये हुए आकाश चंदेल मंच पर पहुंचे और बड़े ही रूखे अंदाज में साउंड संचालक को रामकथा तुरंत बंद करने का आदेश सुनाया। इससे श्रोता सन्न रह गए, क्योंकि जो राम का नहीं वो किसी काम का नहीं।
हिंदू समाज के प्रमुख आराध्य भगवान राम की कथा के ऐसे अपमान की किसी ने आशा नहीं की थी।

रामचरितमानस की चौपाई है सीता राम चरित अति पावन, मधुर, सरस और अति मनभावन।
पुनि पुनि कितने हो सुने सुनाये,
हिये की प्यास बुझत न बुझाये।।
यानी रामकथा कितनी भी बार सुने, मन की प्यास नहीं बुझती, राम कथा में जीवन का सार है। कुमार विश्वास भी ऐसे ही किसी प्रसंग का वर्णन ऑडियो क्लिप में कर रहे थे , इस दौरानआकाश चंदेल का यूं मंच पर आकर इसे रोकने का कोई औचित्य नहीं था, लेकिन उनके द्वारा एक विवाद को जन्म देना था और उन्होंने इसे आसानी से दे दिया। उनकी जो भी मंशा रही हो लेकिन यह बात सनातनी हिंदू समाज और राम भक्तों को नागवार गुजरी और वही इस कृत्य का विरोध करते हुए सैकड़ों लोगों ने कार्यक्रम का बहिष्कार कर दिया।
कार्यक्रम तो कुछ ही मिनटों में खत्म हो गया लेकिन यह बात लोगों के दिमाग में घर कर गई और मुंगेली के गली कूचे से लेकर सोशल मीडिया पर भी यह मुद्दा छा गया। इसके बाद एक तरफ जहां आकाश चंदेल की इस हरकत की चौतरफा निंदा होने लगी तो वही कई संगठन इस पर कार्यवाही की मांग के लिए कमर कसने लगे।
वही आकाश चंदेल और आयोजन समिति से जुड़े लोग मामले में लीपापोती में जुट गए, जिस ने आग में घी का काम किया और लोगों का गुस्सा और भड़क गया। किसी ने कहा कि बड़े बड़े कार्यक्रमों में ऐसी छोटी घटनाएं हो जाती है, यानी उनके लिए भगवान श्रीराम का अपमान छोटी बात है ।किसी ने तो इस बात से ही इंकार कर दिया कि मंच पर आकर रामकथा रोकने वाला आकाश चंदेल था। किसी ने उसे नादान बालक बताया। बे बेतुके तर्क यहीं खत्म नहीं हुए । बताया गया कि कुछ ही दिनों में रामकथा का आयोजन मुंगेली में होने वाला है इसलिए इस दिन राम कथा का प्रसारण रोकने की बात कही गई, मगर यह तर्क किसी के गले नहीं उतरी। लोग समझ गए कि जाकी रही भावना , जैसी प्रभु मूरत देखी तिन तैसी।
आकाश चंदेल के भाव स्पष्ट कर रहे हैं कि जैसे उन्हें रामकथा से भारी आपत्ति है ।लोगों ने यह भी कहा कि जिस तेवर से आकाश चंदेल ने रामकथा का प्रसारण बंद कराया, यही तेवर अगर किसी और धर्म के आराध्य की स्तुति को बंद कराने में दिखाया होता तो उन्हें मौके पर ही अंतर का आभास करा दिया जाता।
जाहिर है तमाम तरह की बातों के बीच सीधा नुकसान आयोजक हेमेंद्र गोस्वामी का ही हो रहा था। भले ही हरकत आकाश चंदेल ने की हो लेकिन आयोजक होने और आकाश चंदेल के उनके करीबी होने की वजह से सारी उंगलियां रह-रहकर हेमेंद्र गोस्वामी की तरफ ही उठ रही थी।
S भारत न्यूज़ ने भी इस मुद्दे को पूरी इमानदारी और निर्भीकता के साथ उठाया। हमने स्पष्ट कहा कि हेमेंद्र गोस्वामी के पास अच्छा अवसर था, वे तत्काल इस मामले को संज्ञान में लेकर मौके पर ही आकाश चंदेल से माफी मंगवा सकते थे। ऐसे में उनका कद और जनाधार बढ़ता लेकिन उन्होंने आकाश चंदेल का पक्ष लेकर मामले को विवादित बना दिया।
खैर देर आए, दुरुस्त आए। सुबह का भूला शाम को लौट आया। चारों हो रही आलोचना और मीडिया में खबरों के प्रकाशन के बाद शायद आकाश चंदेल को सद्बुद्धि आ गई और उन्होंने मंगलवार को एक वीडियो जारी कर अपने इस कृत्य के लिए सार्वजनिक माफी मांगा ली। हालांकि वे अब भी कह रहे हैं कि उनका मकसद राम का अपमान करने का नहीं था, लेकिन जाने अनजाने उनसे राम द्रोह तो हुआ ही था। जिसके प्रायश्चित में क्षमा प्रार्थना के अलावा कोई विकल्प नहीं था।

भगवान श्री राम के नाम से तो पत्थर भी तर जाते हैं। अगर कुमार विश्वास की धरती की बेचैनी जैसी कविताओं की बजाय भगवान श्रीराम के जीवन प्रसंग से हम क्या सीख सकते हैं, इसका प्रसारण हो रहा था तो इस पर आपत्ति जताने का कोई ठोस कारण नहीं था। ऐसा तो वही करेगा जिसे राम का नाम प्रिय नहीं हो। रामायण में तो वर्णन है कि राक्षस भी, यहां तक कि रावण ने भी मृत्यु से पूर्व श्री राम का ही नाम लिया था। इसलिए तैश में आकर आकाश चंदेल का राम कथा का प्रसारण बंद करवाना आत्मघाती कदम साबित हुआ और उन्हें आखिरकार अपने अहंकार का त्याग कर सार्वजनिक माफी मांगनी पड़ी। आकाश चंदेल के इस माफी वाले वीडियो से भले ही मौजूदा घटनाक्रम का पटाक्षेप हो गया हो लेकिन इसके दूरगामी क्या असर होंगे, यह देखना अब भी बाकी है। इतना तो स्पष्ट है कि इस चुनावी साल में एक बड़े आयोजन के दौरान आकाश चंदेल ने अपनी गैरजरूरी हरकत से हेमेंद्र गोस्वामी का राजनीतिक नुकसान ही किया है, जिसकी भरपाई इस माफीनामा से संभव नहीं। अब आकाश चंदेल खुद को राम भक्त बता रहे हैं , इसमें कितनी सच्चाई है , यह तो राम ही जाने। हम तो यही प्रार्थना करेंगे कि रामजी आकाश चंदेल जैसे लोगों को सद्बुद्धि दे और उन्हें यह समझाएं कि राम से बड़ा राम का नाम है, जिसे सुनने से ही भवसागर पार लगता है, इसलिए राम कथा सुनने और सुनाने में बाधक नहीं बनना चाहिए। कहीं रामकथा हो रहा हो तो उसे रोकने का प्रयास रामद्रोह ही है और इससे भविष्य में बचने की आवश्यकता है।
जय श्री राम

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