सीयू छात्र निष्कासन के विरोध में दो छात्र भूख हड़ताल पर बैठे, छात्रों का आरोप – विश्वविद्यालय ने समस्याएं सुलझाने की बजाय कार्रवाई की

बिलासपुर।
गुरु घासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी (सीयू) में छात्र हितों को लेकर एक बार फिर विवाद गहराता जा रहा है। सोमवार को छात्र संगठन सायूक के बैनर तले दो छात्र — सुदीप शास्त्री और सार्थक मिश्रा — ने विश्वविद्यालय परिसर में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी। छात्रों का कहना है कि विश्वविद्यालय ने उनकी मांगों पर ध्यान देने के बजाय एक छात्र को निष्कासित कर दंडात्मक कार्रवाई की है।

भूख हड़ताल शुरू करने से पहले कोनी थाना प्रभारी की मौजूदगी में दोनों छात्रों का वजन कराया गया, जिसके बाद उन्होंने विश्वविद्यालय परिसर में अपना आंदोलन शुरू किया।

छात्रों की मुख्य मांगें

छात्रों ने बताया कि विश्वविद्यालय में हाल ही में आए खराब परिणामों के बाद 25 अगस्त को उन्होंने प्रदर्शन किया था। उनका आरोप था कि बीए ऑनर्स इतिहास विभाग के कुछ छात्रों को शिक्षकों ने जानबूझकर फेल किया है। उस दौरान छात्रों ने उत्तरपुस्तिकाओं के पुनर्मूल्यांकन की मांग की थी, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन ने उनकी बात नहीं मानी।

ज्ञापन में छात्रों ने मांग की थी कि —

  • पुनर्मूल्यांकन प्रक्रिया को सरल और ऑनलाइन किया जाए।
  • परिणाम घोषित होने के बाद 21 दिन तक आवेदन की अनुमति दी जाए।
  • अधिकतम 3 विषयों तक पुनर्मूल्यांकन की सुविधा मिले।
  • पुनर्मूल्यांकन स्वतंत्र परीक्षक द्वारा किया जाए।
  • पुनर्मूल्यांकन का परिणाम निर्धारित समय सीमा में जारी किया जाए।

छात्रों का कहना है कि प्रशासन ने इन मुद्दों को हल करने के बजाय विरोध करने वाले छात्र सुदीप शास्त्री को निष्कासित कर दिया, जिससे वे आक्रोशित हैं।

सीयू प्रशासन की सफाई

दूसरी ओर, विश्वविद्यालय प्रशासन ने अपने मीडिया सेल के माध्यम से बयान जारी करते हुए कहा है कि सुदीप शास्त्री को लगातार अनुशासनहीनता, कदाचार और सरकारी कार्य में बाधा डालने जैसी गतिविधियों में लिप्त रहने के कारण निष्कासित किया गया है।

प्रशासन का कहना है कि सुदीप ने सोशल मीडिया पर विश्वविद्यालय की छवि धूमिल करने वाला भ्रामक वीडियो साझा किया था, जिसकी जानकारी पुलिस अधीक्षक और कोनी थाना को दे दी गई है।
सीएसआईटी विभाग के पूर्व छात्र सुदीप शास्त्री को 9 सितंबर को विभाग से निष्कासित कर ट्रांसफर सर्टिफिकेट जारी किया गया है।

बढ़ सकती है तनातनी

सायूक का कहना है कि जब तक विश्वविद्यालय प्रशासन निष्कासित छात्र को वापस नहीं लेता और उनकी मांगों पर ठोस निर्णय नहीं होता, तब तक भूख हड़ताल जारी रहेगी। उधर, विश्वविद्यालय प्रशासन ने परिसर में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस को सूचित किया है।

(रिपोर्ट – एस. भारत न्यूज़, बिलासपुर)

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