भेंट मुलाकात कार्यक्रम के दौरान मुंगेली में मुख्यमंत्री को सौंपे गए विभिन्न मांगो को लेकर ज्ञापन, तालाब को पाटकर अवैध प्लाटिंग और नगर पालिका के अध्यक्ष की जाति का जिन्न एक बार फिर आया बोतल से बाहर

आकाश दत्त मिश्रा

रविवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल मुंगेली में थे, जहां वे विविध कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान भेंट मुलाकात कार्यक्रम के तहत अलग-अलग संगठनों द्वारा उन्हें ज्ञापन सौंपा गया।
ज्ञापन सौंपकर उन्हें अवगत कराया गया कि मुंगेली में दिसंबर महीने से गोबर खरीदी का भुगतान नहीं किया गया है। पिछले 2 महीने से मुंगेली शहर में गोबर खरीदी बंद होने की भी उन्हें जानकारी दी गई, साथ ही बताया गया कि मुंगेली में उनके आगमन को देखते हुए 2 दिन पहले ही गोबर खरीदी की प्रक्रिया आरंभ की गई है। इस मामले की जांच कर कार्यवाही की मांग की गई है।

मुख्यमंत्री को एक महत्वपूर्ण विषय से अवगत कराते हुए बताया गया कि किस तरह से मुंगेली में अनुविभागीय अधिकारी द्वारा नगरीय क्षेत्र में हो रहे अवैध प्लाटिंग की शिकायत के बाद पिछले 4 महीने से पंजीयन पर रोक लगा दी गई थी, लेकिन वर्तमान में केवल एक विशेष व्यक्ति को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य नगरीय क्षेत्र के पंजीयन पर रोक हटा दी गई है, जबकि ग्रामीण क्षेत्र में पंजीयन पर रोक यथावत है। इसे भेदभाव पूर्ण कार्रवाई बताते हुए इसकी जांच कर कार्रवाई करने की मांग की गई है। आवेदन में बताया गया कि मुंगेली शहर के दाऊ पारा स्थित एक निजी तालाब का मद परिवर्तन कर उसे पाट दिया गया और फिर उसकी अवैध प्लॉटिंग कर दी गई। मुंगेली शहर में प्लाटिंग के नाम पर व्याप्त भ्रष्टाचार के उफान पर होने की शिकायत करते हुए जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की मांग की गई है।

मुख्यमंत्री को एक अन्य ज्ञापन सौंपते हुए बताया गया कि छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल मुंगेली बिलासपुर जोन द्वारा करही में वर्ष 2018 में 13 एम आई जी मकान का निर्माण कर उसका स्वामित्व सौंपा गया था। इस कॉलोनी में रखरखाव तथा जलकर के रूप में गृह स्वामियों से पहले प्रतिमाह ₹200 और बाद में ₹300 शुल्क लिया जा रहा था, लेकिन 2022 में गृह निर्माण मंडल द्वारा जलकर ₹1000 प्रतिमाह कर दिया गया। इस संबंध में भवन मालिकों ने आपत्ति दर्ज कराई थी, परंतु अभी तक उसका निराकरण नहीं हुआ। जिस कारण से मकान मालिकों ने जलकर पटाना ही बंद कर दिया। मकान मालिकों द्वारा इस वर्ष का जलकर नहीं दिये जाने का बहाना बनाकर कॉलोनी स्थित पंप के ऑपरेटर का कई महीने से वेतन नहीं दिया गया है। शिकायत करते हुए अवगत कराया गया है कि गृह निर्माण मंडल द्वारा कॉलोनी के रखरखाव हेतु शुल्क लिया जाता है, परंतु उनके द्वारा इस संबंध में कभी कोई कार्य नहीं किया गया है। पम्प आदि अगर खराब हो जाए तो कॉलोनी वाले ही उसे अपने खर्च से बनवाते हैं। कॉलोनी बनने के बाद आज तक यहां नालियों की सफाई तक नहीं हुई है। पूरे कॉलोनी में जंगली पेड़ों का जंगल खड़ा हो गया है ।बाउंड्री वॉल और गेट नहीं होने के कारण सुवर यहां आशियाना बनाए हुए हैं। साथ ही आवारा पशुओं का यह चारागाह बना हुआ है । तमाम शिकायत के बावजूद हाउसिंग बोर्ड ने आज तक कोई कार्यवाही नहीं की, जिस पर कार्यवाही की मांग मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपकर की गई।

भेंट मुलाकात कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को ज्ञापन सौंपते हुए मुंगेली के वर्तमान नगर पालिका अध्यक्ष के जाति विवाद का मुद्दा एक बार फिर से उठाया गया है। आवेदन में कहा गया कि मुंगेली में नगर पालिका चुनाव 21 दिसंबर 2019 को संपन्न हुआ था। इसके लिए आम निर्वाचन हेतु 27 सितंबर 2019 को मुंगेली नगरपालिका के सभी वार्ड का आरक्षण लॉटरी के माध्यम से किया गया, जिसमें वार्ड क्रमांक 13 अंबेडकर वार्ड मुंगेली अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित हुआ था। उक्त आरक्षित प्रक्रिया के बाद हेमेंद्र गोस्वामी के द्वारा षड्यंत्र करते हुए 3 अक्टूबर 2019 को अपनी जाति सामान्य वर्ग को छुपाते हुए पिछड़ा वर्ग का होना बताकर झूठा शपथ पत्र पेश कर और फर्जी दस्तावेज के आधार पर अनुविभागीय अधिकारी मुंगेली को अंधकार में रखकर 17 अक्टूबर 2019 को अनुमोदन कराकर पिछड़ा वर्ग का झूठा प्रमाण पत्र प्राप्त किया गया। हेमेंद्र गोस्वामी द्वारा फर्जी प्रमाण पत्र का उपयोग कर इस सीट से चुनाव लड़ा गया और वे पार्षद भी चुने गए । इससे पिछड़े वर्ग का एक उम्मीदवार को अपने अधिकार से वंचित होना पड़ा। अब इसी पिछड़े वर्ग की फर्जी और झूठे प्रमाण पत्र के आधार पर हेमेंद्र गोस्वामी द्वारा बहुमत दल का नेता बनकर नगर पालिका अध्यक्ष बन जाने की शिकायत की गई है। आरोप है कि वर्तमान नगर पालिका अध्यक्ष फर्जी प्रमाण पत्र से इस कुर्सी पर काबिज है, इसलिए इस मामले की जांच कर उनके खिलाफ एफ आई आर दर्ज करने और उनकी सदस्यता रद्द करने की मांग की गई है।

इस दौरान भाठापारा आवास मोहल्ला में रखने वाले विक्रम सिंह ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपकर बताया कि उन्हें छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल मुंगेली जोन द्वारा साल 2019- 20 और 21- 22 का कुल 23 माह का वेतन नहीं दिया गया है। साथ ही उन्होंने फिर से नौकरी पर बहाली की मांग भी की है। विक्रम सिंह ने आवेदन में जानकारी देते हुए बताया कि करही ग्राम में निर्मित 13 एमआइजी आवास वाले कॉलोनी में स्थित पंप हाउस से पूरे कॉलोनी में जलापूर्ति की जाती है। विक्रम सिंह द्वारा उक्त पंपहाउस का संचालक और जलापूर्ति साल 2018 से किया जा रहा था, इसके लिए उन्हें कलेक्टर दर से प्रतिमाह वेतन भुगतान किया जाता रहा, किंतु 23 माह से उन्हें वेतन का भुगतान नहीं किया गया, जिसके कारण उनका परिवार भुखमरी की कगार पर है। आवेदक ने बताया कि जनदर्शन में शिकायत के बावजूद उनके आवेदन पर किसी तरह की कोई कार्यवाही नहीं हुई। विक्रम सिंह ने बकाया 23 महीने का वेतन देने और नियमित किये जाने की मांग मुख्यमंत्री से की है। साथ ही उन्होंने बताया कि नवंबर 2022 में उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया है, इसलिए उन्हें आत्मघाती कदम भी उठाना पड़ सकता है, इसके लिए उन्होंने हाउसिंग बोर्ड को जिम्मेदार ठहराया है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को ज्ञापन सोते हुए सूरदा हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी के निवासी सुनील पाठक, जय प्रकाश उपाध्याय, स्वतंत्र तिवारी, बृजेश उपाध्याय आदि ने अटल आवास से लगे हुए आगर नदी में पीचिंग किए जाने की मांग की है। आवेदन में बताया गया कि मुंगेली से लगे हुए ग्राम सूरदा में आगर नदी के किनारे 120 अटल आवास का निर्माण कराया गया है, नदी के किनारे होने के कारण जमीन में हर साल कटाव बढ़ता जा रहा है, जिसके कारण वहां स्थित मकान कभी भी छतिग्रस्त हो सकते हैं । इस बारे में कॉलोनी के निवासियों ने कई मर्तबा हाउसिंग बोर्ड को अवगत कराया, परंतु उन पर इसका कोई असर नहीं हुआ, इसलिए अब मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपकर सुरदा हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी से लगे आदर नदी में पिचिंग कार्य कराए जाने की मांग की जा रही है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को ज्ञापन सौंपकर मुंगेली में जिला अस्पताल सड़क निर्माण की भी मांग की गई है। आवेदन सौंपकर बताया गया कि लालाकापा नहर मार्ग से जिला चिकित्सालय तक डेढ़ किलोमीटर पहुंच मार्ग पूरी तरह जर्जर हो चुका है, इस कारण जिला चिकित्सालय पहुंचने में मरीजों और उनके परिजनों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इसलिए अविलंब इस सड़क को बनाए जाने की मांग की गई है। अलग-अलग पीड़ित पक्ष कारो द्वारा मुख्यमंत्री को भेंट मुलाकात कार्यक्रम के तहत ज्ञापन सौंपकर विभिन्न समस्याओं से अवगत करा कर उनके निराकरण की मांग की गई है।

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