प्रवीर भट्टाचार्य

चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को पुनर्वसु नक्षत्र और कर्क लग्न में दिव्य लक्षणों से युक्त सर्वलोक वंदित भगवान श्रीराम का जन्म हुआ था। जिस समय प्रभु श्री राम का जन्म हुआ उस समय पांच ग्रह अपनी उच्चतम स्थिति में थे। आधुनिक गणनाओ में भी माना जाता है कि 10 जनवरी 5114 को भगवान श्रीराम का जन्म हुआ था। सकल जगत के पालनहार भगवान श्री राम का जन्म उत्सव पूरे विश्व में मनाया जा रहा है। भगवान श्रीराम का नवरात्र से भी गहरा संबंध है। शारदीय नवरात्र के अंतिम दिन प्रभु श्री राम ने आततायी रावण पर विजय पाई थी तो वही चैत्र नवरात्रि के अंतिम दिन प्रभु श्री राम का जन्म हुआ था। गुरुवार को राम नवमी का पर्व उल्लास पूर्वक मनाया गया। बिलासपुर के रेलवे क्षेत्र में दक्षिण भारतीय समुदाय द्वारा साल 1959 से श्री श्री राम नवमी महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है।

इस वर्ष भी कंस्ट्रक्शन कॉलोनी में तीन दिवसीय उत्सव का शुभारंभ गुरुवार को हुआ। प्रथम दिवस प्रतिमा स्थापन, नित्य अर्चना और सीताराम कल्याणम अर्थात सीता राम विवाह अनुष्ठान संपन्न कराया गया। पूजा अर्चना के पश्चात यहां प्रसाद वितरण किया गया। वहीं संध्या आरती भी हुई। अगले 2 दिनों तक यहां रुद्राभिषेक, पट्टाभिषेकम, श्री सत्यनारायण व्रत, आनंदम, वसंत उत्सव आदि का आयोजन किया जाएगा। शनिवार संध्या यहां सांस्कृतिक कार्यक्रमों की भी प्रस्तुति होगी। विगत 64 वर्षों से रेलवे क्षेत्र में हो रहे इस भव्य आयोजन में इस वर्ष भी बड़ी संख्या में शहरवासी, विशेषकर दक्षिण भारतीय सम्मिलित हुए। यहां दक्षिण भारतीय परंपराओं के साथ भगवान श्री राम की पूजा अर्चना की जा रही है।

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