कांकेर में जवानों के बलिदान में बनी सड़क चढ़ी भ्रष्टाचार की भेंट

पखांजूर से बिप्लब कुण्डू–7.8.22

पखांजूर,,,,
आजादी के 75 साल बाद कांकेर में नक्सलियों का रेड कॉरिडोर कहा जाने वाला कोयलीबेड़ा-परतापुर में सड़क निर्माण कराया गया. इस सड़क निर्माण के दौरान 8 जवान शहीद भी हो गए. उन सड़क पर अब दरारे आ गई है. साथ ही कई जगहों में ये सड़क धंस चुका है.
छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित जिलों में भ्रष्टाचार और लापरवाही बढ़ती जा रही है. ताजा मामला कांकेर जिला से सामने आया है। नक्सलियों का रेड कॉरिडोर कहा जाने वाला कोयलीबेड़ा-परतापुर में आजादी के 75 साल बाद सड़क बनाई गई. इस सड़क के लिए बीएसएफ के 8 जवान शहीद हो गए थे. सैकड़ो जवानों की सुरक्षा के बीच करोड़ों रुपये की लागत से बनाई गई 30 किलोमीटर की पक्की सड़क पर निर्माण के 6 महीने में ही दरारें आ गई है. पुल का एप्रोच सड़क धंसने लगा है. सड़कों के बीच दरारे आने लगी है. हालांकि जिम्मेदार अधिकारी इस संबंध में बात करने से मना कर रहे हैं.

घटिया निर्माण की भेंट चढ़ी सड़क:
परतापुर से जब सड़क निर्माण का कार्य शुरू हुआ, तब बीएसएफ का कैम्प लगाया गया था. इस कैम्प को कई बार नक्सलियों ने निशाना बनाकर जवानों पर हमले किए. इस सड़क के लिए बीएसएफ के 8 जवान शहीद भी हो गए. इस सड़क के निर्माण के दौरान अब तक 90 बम बरामद हो चुके हैं. 10 से अधिक फोर्स-नक्सली मुठभेड़ हो चुकी है. आज वही सड़क घटिया निर्माण की भेंट चढ़ चुकी है.

अफसर कर रहे मनमानी:
इस विषय में स्थानिय ग्रामीणों से मीडिया ने बात करने की कोशिश की. हालांकि ग्रामीण कुछ भी कहने से इंकार कर रहे हैं. एक ग्रामीण ने नाम न बताने की शर्त में कहा है कि “कोई भी इस सड़क को लेकर कुछ नहीं बोलेगा. नक्सली सड़क निर्माण का शुरू से विरोध करते आए हैं. नक्सली नही चाहते थे कि सड़क का निर्माण हो. अगर कोई ग्रामीण सड़क को लेकर बोलेगा, तो वह नक्सलियों के निशाने में आ जाएगा. ठेकेदार और सम्बन्धित विभागों का यह सड़क खाने खिलाने के एक जरिया बन गया है. नक्सल प्रभावित क्षेत्र में कोई नहीं आता. ठेकेदार और अफसर मनमानी करने में लगे हैं.”

कार्य सेतु विभाग का:
इस विषय में मीडिया ने पीडब्ल्यूडी इंजीनियर महेंद्र कश्यप से बातचीत की. उन्होंने कहा कि मेरे पास भी किसी ने वीडियो भेजा है. लेकिन ये सेतु निर्माण विभाग का काम है. पीडब्ल्यूडी इंजीनियर ने कैमरे के सामने बात करने से साफ तौर पर इंकार कर दिया।

50 से अधिक गांव के लोगों को मिलेगा फायदा:-

प्रतापपुर से कोयलीबेड़ा 30 किमी सड़क बन जाने के बाद परतापपुर, मुसरघाट, महला, कटगांव, कामतेड़ा, उदनपुर, मुरनार, जिरामतराई, कोयलीबेड़ा, वाला, कांटाबॉस, मिंडी, गोटांज, गट्टाकाल, दोड़गे सहित आसपास के गांवों में रहने वालों को लाभ मिलेगा.

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