


बिलासपुर पुलिस ने साइबर अपराध के विरुद्ध बड़ी कार्यवाही करते हुए मनी म्यूल यानी फर्जी बैंक खाताधारक नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है। इस अभियान में 1.30 करोड़ रुपये की साइबर ठगी का खुलासा करते हुए 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। यह कार्यवाही रेंज सायबर थाना और ए.सी.सी.यू. की संयुक्त टीम द्वारा की गई।
सबसे पहले म्यूल अकाउंट धारकों की पहचान की गई। तकनीकी साक्ष्यों और बैंक स्टेटमेंट के आधार पर बैंक खातों की जांच की गई। इन खातों का उपयोग साइबर ठगी जैसे गूगल रिव्यू टास्क, क्रिप्टो निवेश, शेयर ट्रेडिंग ऐप और टेलीग्राम टास्क जैसे फर्जी माध्यमों में किया गया था।
गिरफ्तार आरोपी:
- अब्दूल आदिल (21), निवासी ख्वाजानगर
- संदीप श्रीवास (30), निवासी तिफरा
- विकास केंवट (31), निवासी रतनपुर
- समीर कश्यप (31), निवासी रतनपुर
- कलेश कुमार धिवर (28), निवासी रतनपुर
- नागेश्वर ठाकूर (25), निवासी सिरगिट्टी
- करन सिंह ठाकूर (33), निवासी सिरगिट्टी
- परमेश्वर जायसवाल (21), निवासी चकरभाठा
इन आरोपियों के खातों में कुल 1,30,50,636 रुपये की साइबर धोखाधड़ी से संबंधित लेन-देन सामने आए हैं।
पुलिस की चेतावनी:
बिलासपुर पुलिस ने आम जनता से अपील की है कि वे किसी भी लालच में आकर अपना बैंक खाता या मोबाइल सिम दूसरों को न दें। ऐसा करना कानूनन अपराध है और आरोपी पर मनी लॉन्ड्रिंग, संपत्ति जब्ती और जेल जैसी सख्त कार्रवाई हो सकती है।
क्या है मनी म्यूल?
मनी म्यूल वह व्यक्ति होता है जिसका बैंक खाता साइबर अपराधी ठगी की रकम को एक खाते से दूसरे खाते में स्थानांतरित करने के लिए उपयोग करते हैं। अपराधी इन लोगों को पैसे, नौकरी, इनाम या निवेश का लालच देकर अपने जाल में फंसाते हैं।
बिलासपुर पुलिस की अपील:
अनजान स्रोतों से पैसे न लें।
बैंक खाते और पर्सनल जानकारी किसी के साथ साझा न करें।
किसी भी संदेहजनक लेनदेन की सूचना तुरंत बैंक या पुलिस को दें।
यह अभियान साइबर अपराधों पर लगाम लगाने की दिशा में बिलासपुर पुलिस की एक बड़ी सफलता मानी जा रही है।

