अपोलो कैंसर सेंटर बिलासपुर में स्टेरोटेक्टीक रेडियोसर्जरी (SRS) की गयी . पिछले हफ्ते अपोलो कैंसर सेंटर के चिकित्सकों की टीम ने कैंसर के इलाज से सम्बंधित एक नए अध्याय की शुरुआत बिलासपुर में की है. डॉ सार्थक मोहरीर एवं डॉ ऐश्वर्या राज  ने इस सम्बन्ध  में बताया कि ऐसे मरीज़ जिन्हें ब्रेन ट्यूमर होता है, और पारम्परिक सर्जरी मुश्किल होती है तो रेडियोसर्जरी एक बेहतर विकल्प है. जहाँ पारम्परिक सर्जरी में ब्रेन में चीरा, अस्पताल में भर्ती, संक्रमण एवं देर से ठीक होने की संभावना होती है, जबकि रेडियोसर्जरी बिना किसी चीरे के संभव है.


 
  क्या है रेडियोसर्जरी ?


रेडियोसर्जरी में रेडिएशन के हाई डोज़ को सिर्फ ट्यूमर पर केंद्रित किया जाता है और यह सुनिश्चित किया जाता है कि मस्तिष्क के बाकी हिस्से में नुकसान नहीं हो, इस प्रक्रिया में मरीज  को एक से पांच बार हाई डोज़ रेडिएशन दिया जाता है और प्रायः अस्पताल में भर्ती की जरुरत नहीं होती.
“कैंसर विजेता की कहानी उनकी जुबानी”
कैंसर पर जीत संभव है ” श्रीमती माधवी सिंह
मुझे कैंसर है इस बात का पता 2009 में चला जब स्तन की गांठ की जाँच हुई, ऐसे में मानसिक तनाव और जिंदगी खत्म होने का खयाल आना आम बात है, पर मैंने हार नहीं माना क्योंकि अपोलो में डॉ सुश्री परीदा की पूरी टीम ने यह विश्वास दिया की इलाज संभव है, सर्जरी और कीमोथेरेपी तो मेरी हो चुकी थी पर 2022 में मुझे ओवरी में गांठ और ब्रेन में ट्यूमर का पता चला, फिर अपोलो के डॉ सार्थक मोहरीर ने मेरे ब्रेन ट्यूमर को आधुनिक तकनीक (SRS) से इसका सफलता पूर्वक इलाज किया, मेरा अनुभव सबसे बेहतर अपोलो बिलासपुर का रहा और अपोलो बिलासपुर में सम्पूर्ण इलाज की सुविधा तो अब बाहर क्यों जाना.


 
“कैंसर पर जीत संभव है “- श्रीमती माधवी सिंह

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