

मस्तूरी में शराब भट्टी के करीब हुई अनीश सिंह ठाकुर की हत्या की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है। हालांकि एस भारत न्यूज़ ने उसी दिन हत्यारों का नाम उजागर कर दिया था।
मस्तूरी के शराब भट्ठी के आगे दूडिनार खार में नहर किनारे गड्ढे में खून से लथपथ एक लाश मिली थी, जिसका गला चाकू से रेता गया था, तो वहीं पहचान छिपाने के लिए भारी पत्थर से मृतक का सर कुचल दिया गया था । पुलिस के लिए मृतक की शिनाख्त बड़ी चुनौती थी। आसपास सीसीटीवी की जांच की गई साथ ही मृतक के करीब मिले बैग की तलाशी ली गई तो उसमें जमीन संबंधी बहुत सारे दस्तावेज मिले, जिसमें मृतक की मां मंजू सिंह का आधार और पैन कार्ड भी मिला। पुलिस इन्हीं दस्तावेजों के सहारे मृतक के मामा पत्रकार उमेश सिंह ठाकुर तक पहुंच गई, जिस ने मौके पर पहुंचकर मृतक की पहचान अपने भांजे अनीश सिंह ठाकुर के रूप में की, जो वर्तमान में विवेकानंद कॉलोनी मोपका में रह रहा था।

पुलिस के लिए यह जानना जरूरी था कि आखिर वह मस्तूरी कैसे पहुंचा और उसकी हत्या कैसे हुई ? पुलिस को जानकारी मिली कि घटना वाली दोपहर से शाम तक मृतक कुछ कबाड़ियों को छुड़ाने के लिए थाना सिटी कोतवाली में मौजूद था , जहां से वह करीब 6:00 बजे निकला था। यह जानकारी भी मिली कि अनीश सिंह ठाकुर अपने दोस्त तेलीपारा निवासी निकेश कौशिक का पल्सर बाइक मांग कर ले गया था। पुलिस ने निकेश से पूछताछ की तो निकेश ने बताया कि 12 फरवरी की शाम करीब 6:30 बजे अनीश उसके पास आया था और उसकी मोटरसाइकिल मांग कर ले गया था। पूछने पर अनीश ने बताया था कि वह अपने दो दोस्त शिबू खान और अरमान को लेने मस्तूरी जा रहा है।

पुलिस को जैसे ही शिबू और अरमान का नाम पता चला तो दोनों को हिरासत में लेकर अलग-अलग पूछताछ की गई। शुरू में तो दोनों पुलिस को गुमराह करते रहे लेकिन आखिर में उन्होंने अपना जुर्म कबूल कर लिया। दोनों ने बताया कि वे अवैध कबाड़ का धंधा करते हैं और इधर कुछ दिनों से बिलासपुर पुलिस कबाड़ियों के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्यवाही कर रही थी जिससे दोनों सहमे हुए थे। इसलिए दोनों पकड़े जाने के डर से दोपहर1:00 बजे ही मस्तूरी में जाकर छुप गए थे। इस बीच अनीश ने उन्हें फोन कर बिलासपुर आने को कहा और उन्हें लेने खुद मस्तूरी पहुंचने की बात कही।
दोनों ने चौंकाने वाला खुलासा करते हुए बताया कि मृतक अनीश सिंह भी अपराधी छवि का व्यक्ति था और वह काफी दिनों से उन्हें झूठे केस में फंसाकर जेल भेजकर उनके घर को कब्जा करने की फिराक में था ।इसलिए जब 12 फरवरी को भी अनीस ने दोनों को फोन कर बिलासपुर आने के लिए कहा तो दोनों को लगा कि अनीश उन्हें साजिश कर बिलासपुर बुलाकर अवैध कबाड़ के मामले में फंसा कर जेल भिजवा देगा। इसी डर की वजह से जब अनीश उनके पास मस्तूरी पहुंचा तो पहले सब ने मिलकर साथ में शराब पी और फिर शिबू और अरमान ने योजना बनाकर पहले तो चाकू से ताबड़तोड़ वार कर अनीश को घायल कर दिया , फिर भारी पत्थर से उसका सर कुचलकर उसकी जान ले ली। इन लोगों ने अनीश के दोनों मोबाइल को भी तोड़ दिया और सबूत मिटाने चाकू और तोड़े हुए मोबाइल को घटनास्थल से करीब 7 किलोमीटर दूर हाईवे किनारे दर्रीघाट की झाड़ी में फेंक दिया। जिसके बाद दोनों बिलासपुर पहुंचे और अनिश जिस पल्सर मोटरसाइकिल में पहुंचा था उसे रेलवे स्टेशन में बुधवारी बाजार के पीछे गली में लाकर खड़ा कर दिया।
पुलिस ने सबूत के तौर पर मृतक के मोबाइल और बाइक को जप्त कर लिया है साथ ही हत्या के आरोप में शिबू खान और अरमान को गिरफ्तार किया है। कर्बला रविदास नगर निवासी 18 वर्षीय अरमान खान और गांधी चौक निवासी 26 वर्षीय शिबू खान ने अपने ही दोस्त अनीश सिंह ठाकुर की हत्या कर दी क्योंकि उन्हें लगता था कि अनीश उन्हें झूठे मामले में फंसा कर उनके घर पर कब्जा करना चाहता है।
