

बिलासपुर पुलिस ने एक बार फिर मानवता और तत्परता का परिचय देते हुए दो नन्हीं जिंदगियों को नया जीवन देने का सराहनीय कार्य किया है। प्रीमैच्योर अवस्था में जन्मे जुड़वा बच्चों की नाजुक हालत को देखते हुए परिजनों ने उन्हें बेहतर इलाज के लिए हैदराबाद ले जाने का निर्णय लिया। इसी कड़ी में, बिलासपुर पुलिस की तत्परता से एक प्रभावशाली ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया, जिससे इन मासूमों को सुरक्षित रूप से एयर एंबुलेंस तक पहुंचाया जा सका। बिलासपुर के मध्य नगरी में मौजूद एक निजी अस्पताल में जब ऐसे बच्चों का इलाज संभव नहीं हो पाया तो उन्हें हैदराबाद ले जाने का निर्णय लिया गया।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह के निर्देश पर यातायात पुलिस ने बिना समय गंवाए मध्य नगरी के अस्पताल से चकरभाठा एयरपोर्ट तक का रास्ता खाली कराया। एएसपी ट्रैफिक रामगोपाल करियारे ने स्वयं पायलटिंग करते हुए पूरी व्यवस्था की निगरानी की और सुनिश्चित किया कि किसी प्रकार की देरी न हो।

करीब दोपहर 12:30 बजे, एंबुलेंस को अस्पताल से रवाना किया गया और चौराहों पर तैनात ट्रैफिक जवानों की मुस्तैदी से यह सफर बिना किसी व्यवधान के पूरा हुआ। इस दौरान आम नागरिकों ने भी पुलिस का पूरा सहयोग किया और ग्रीन कॉरिडोर को सफल बनाने में अपनी जिम्मेदारी निभाई।
हैदराबाद से पहुंची डॉक्टरों की टीम पहले से ही अस्पताल में मौजूद थी और उन्होंने बच्चों की नाजुक स्थिति को देखते हुए तुरंत एयर एंबुलेंस से रेफर करने का सुझाव दिया। पुलिस की सजगता और संवेदनशीलता के चलते जुड़वा बच्चों को बेहद कम समय में एयरपोर्ट पहुंचाया गया, जिससे उनकी जान बचाने में मदद मिली।
बिलासपुर पुलिस की यह पहल न केवल एक सफल रेस्क्यू ऑपरेशन थी, बल्कि यह इंसानियत और सेवा भावना का एक उत्कृष्ट उदाहरण भी है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह स्वयं पल-पल की जानकारी लेते रहे और ऑपरेशन को सफल बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
बिलासपुर पुलिस ने पूरे दिल से इन मासूमों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की है।
