

बिलासपुर रेल्वे परिक्षेत्र एन ई कालोनी में स्थित श्री राम मंदिर एवं श्री बालाजी मंदिर के प्रांगण में नववर्ष में दिनभर श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ था जिसमें अधिकांश महिला श्रद्धालु थी। दक्षिण भारतीय विधि विधान से पूजा अर्चना अनुष्ठान किया गया।

इसी क्रम में दिनांक 02, 03, 04 जनवरी, दिन सोमवार, मंगलवार एवं बुधवार को वैकुंठ एकादशी उत्सव सुबह 5 बजे से दोपहर 12:30 बजे और शाम 5:30 बजे से 9 बजे तक मनाया जा रहा है।

इस वैकुंठ एकादशी उत्सव में वैकुंठ द्वार का बहुत ही महत्वपूर्ण महत्व है। यह उत्सव सभी विष्णु मंदिरों में मनाया जाता है। दक्षिण भारत के सभी विष्णु मंदिरों में भक्तों के प्रवेश करने के लिए एक विशेष प्रवेश द्वार होता है जिसे वैकुंठ द्वार कहा जाता है। यह प्रवेश द्वार केवल वैकुंठ एकादशी पर खोला जाता है। स्वर्ग द्वार से विष्णु की उत्सव मूर्ति बाहर निकलती है जिसे बहुत से भक्त बाहर से दर्शन करते हैं। माना जाता है कि कोई भी व्यक्ति जो इस दिन ‘वैकुंठ द्वार’ से निकलती मूर्ति के दर्शन करता है या मूर्ति के ‘वैकुंठ द्वार’ से गुजरता है, वह वैकुंठ प्राप्त करता है। यह उत्सव तिरुप्पति के बालाजी मंदिर में 10 दिनों तक किया जाता है।
यह उत्सव को मुक्कोटि (त्रिकोटि) एकादशी नाम से मनाते हैं। बिलासपुर राम मंदिर एवं बालाजी मंदिर में यह उत्सव तीन दिनों तक किया जावेगा। मंदिर समिति ने यह निर्णय लिया है कि आने वाले 2023 के पूरे वर्ष दक्षिण भारतीय विधि-विधान से पूजा पाठ अर्चना धार्मिक अनुष्ठान किया जावेगा जो कि प्रमुख पूजा निम्नानुसार है – 14 जनवरी तक धार्नुमास में गोदाम्बा देवी कि पूजा। 14 जनवरी मकर संक्राति के दिन सुबह 5 बजे भगवान श्री बालाजी कि मुलमूर्ति की पंचामृत से महाभिषेकम एवं सुबह 9 बजे दंपति श्रद्धालुओं के द्वारा सामूहिक श्री बालाजी कल्याणम। फरवरी माह में श्री बालाजी भगवान की ब्रम्होत्सव एवं महाशिवरात्री में श्रध्दालुओं के द्वारा सामुहिक रूद्राभिषेक। 22 मार्च को हिंदू नववर्ष में उगादी ( तेलगू नववर्ष)। 30 मार्च को रामनवमी में सीता रामजी का कल्याणम। सितंबर माह में कृष्ण जन्माष्ठमी एवं 9 दिनों तक चलाने वाली गणेश चतुर्थी धार्मिक अनुष्ठान। अक्टूबर माह में नवरात्री एवं दशहरा उत्सव। पूरे नवंबर माह में धनतेरस, दीपावली, कार्तिक महीने में आने वाले सोमवार को शिवजी की सामुहिक महाअभिषेक, एकादशी में विशेष अनुष्ठान पूजा, कार्तिक पूर्णिमा, आकाशदीप की पूजा इत्यादि पूरे वर्ष भव्य रूप से रंगारंग कार्यक्रमों के साथ पूजा अर्चना एवं धार्मिक अनुष्ठान दक्षिण भारतीय विधि विधान से बड़े धुमधाम हर्षोल्लास के साथ आनंदमय वातावरण में करने का निर्णय लिया गया।

पूरे वर्ष होने वाले पूजा अर्चना एवं धार्मिक अनुष्ठान को नियम एवं सुचारू रूप से करवाने हेतू मंदिर समिति के सदस्य जिसमें सर्वश्री आर. वीरास्वामी (अध्यक्ष), पट्नायक विपिन प्रसाद (कार्यवाहक अध्यक्ष), एस. साई. भास्कर (सचिव), रविकन्ना ( सह सचिव), पी.धर्मा राव (कोषाध्यक्ष), ई. सिम्माचलम ( सह कोषाध्यक्ष), पंच प्रबंधक सदस्य (बी. शंकर राव, एल श्री निवास, प्रभाकर राव, जी. एस. प्रकाश टी. राजेश) ने निर्णय लिया।
