
आकाश दत्त मिश्रा

अमित जोगी ने जैसे ही 26 नवंबर से पदयात्रा की बात कह, उसी के साथ उनकी पत्नी रिचा जोगी की जाति का जिन्न बंद बोतल से बाहर आ गया। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की बहू रिचा जोगी के खिलाफ गलत जाति प्रमाण पत्र पेश करने के मामले में सहायक आयुक्त एल आर कुर्रे ने सिटी कोतवाली थाना मुंगेली में एफ आई आर दर्ज कराया है।

साल 2020 में पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के निधन के बाद खाली हुई मरवाही विधानसभा सीट के लिए उनकी बहू ऋचा जोगी ने भी नामांकन दाखिल किया था। जांच के बाद पाया गया था कि रिचा जोगी आदिवासी नही बल्कि क्रिश्चियन है। जिसके बाद न सिर्फ उनका नामांकन खारिज हुआ बल्कि उनके खिलाफ केस भी दर्ज हुआ।
राज्य स्तरीय छानबीन समिति ने 23 जून 2021 को दाखिल रिपोर्ट के बाद रिचा जोगी की मुश्किलें बढ़ती चली गई। जांच समिति का निष्कर्ष है कि रिचा जोगी खुद को गोंड जनजाति से होने का दावा करती है लेकिन उसके पूर्वज खुद को ईसाई बताते हैं। सिर्फ रिचा जोगी ही नहीं बल्कि पूरे जोगी परिवार के साथ जाति विवाद हमेशा से जुड़ा रहा है। संत कुमार नेताम भी जोगी की जाति को लेकर सर्वोच्च न्यायालय तक गए थे।

रिचा जोगी के खिलाफ गलत जाति प्रमाण पत्र पेश करने के मामले में एफ आई आर दर्ज होने के साथ एक बार फिर से जांच की बात कही जा रही है। कहा जा रहा है कि अमित जोगी के एक बार फिर राजनीतिक रूप से सक्रिय होने के चलते उन पर दबाव बनाने इस तरह की कार्रवाई की जा रही है। हालांकि अमित जोगी की पार्टी ने भानूप्रतापपुर उपचुनाव से खुद को पहले ही अलग कर लिया है और वे कांग्रेस को समर्थन देते दिख रहे हैं, लेकिन 26 नवंबर से शुरू होने वाली उनकी पदयात्रा से पहले उन पर यह कारवाही राजनीति से प्रेरित बताई जा रही है।
