मुंगेली की जागृति महिला मंडल का एक और सद्प्रयास, लमनी के सुदूर वनांचल आदिवासी बाहुल्य ग्राम में पहुंचकर किया गर्म कपड़ों एवं आवश्यक सामग्रियों का वितरण

मुंगेली की एकमात्र गैर राजनीतिक महिलाओं की संस्था जागृति महिला मंडल जनहित और सामाजिक सरोकार के कार्यों को लगातार कर रही है। जागृति महिला मंडल हर वर्ष कठिन शीतकाल से पहले सुदूर ग्रामीण अंचलों में पहुंचकर जरूरतमंद आदिवासियों के बीच आवश्यक सामग्री का वितरण करती है।

इसी परंपरा का पालन करते हुए एक बार फिर जागृति महिला मंडल के सदस्य मुंगेली जिले के अचानकमार अभयारण्य स्थित वनांचल ग्राम लमनी पहुंचे। यहां रहने वाले अधिकार आदिवासी परिवार भीषण गरीबी में जीवन यापन कर रहे हैं, जिनके पास बुनियादी आवश्यकता की चीजें तक नहीं है। अधिकांश बच्चे यहां कुपोषित है, तो वही उनके पास सर्दी से निपटने के लिए आवश्यक गर्म कपड़े तक नहीं है। गर्म कपड़ों की क्या कहें, उनके पास तो तन ढकने को भी कपड़े नहीं है।

जागृति महिला मंडल की अध्यक्ष के साथ अन्य सदस्यों द्वारा साथ लाए गए 200 से अधिक कंबल का वितरण इन्हीं जरूरतमंद परिवारों के बीच किया गया, तो वही जागृति महिला मंडल के सदस्यों ने आपस में ही नए- पुराने पहने जाने योग्य कपड़े इकट्ठा किए थे, बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक के लिए लाए गए कपड़े जरूरतमंदों के बीच वितरित किए गए। तो वही बच्चों को वार्म कोट्स वियर प्रदान किया गया। कपड़ों के अलावा इन्हें फल, बिस्किट, मिठाई आदि भी प्रदान किया गया।
जागृति महिला मंडल की अध्यक्ष मेघा मिश्रा, पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष सावित्री सोनी और पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष कृष्णा बघेल ने ठंड से मुकाबला करने और स्वास्थ्य संबंधी कई टिप्स बताएं।

यहां पंचायत सचिव नीरज सप्रे और आंगनबाड़ी सहायिका कविता ने बताया कि आम जरूरत की चीजों के साथ वनांचल में रहने वाले आदिवासी परिवारों को उचित इलाज आसानी से उपलब्ध नहीं होता। शहरी अस्पताल तो छोड़िए, ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्र भी यहां से मिलो दूर है। तो वहीं जंगल में कोई मेडिकल स्टोर भी नहीं है, जिससे आवश्यक दवाई उपलब्ध हो सके। इस पर जिला प्रशासन से चर्चा कर कोई मार्ग निकालने का आश्वासन जागृति महिला मंडल द्वारा दिया गया। तो वहीं समय-समय पर चिकित्सकों को साथ लाकर मेडिकल कैंप लगाने पर भी विचार किया जा रहा है।

जागृति महिला मंडल की अध्यक्ष मेघा मिश्रा ने ग्रामीणों को कहा कि वे जल्द ही दुबारा लौटेंगे और वनांचल में रहने वाले आदिवासी भाइयों की अन्य आवश्यकताएं पूरी करने का प्रयास करेंगे। उनका हौसला बढ़ाते हुए जागृति महिला मंडल की अध्यक्ष ने कहा कि आज देश के सर्वोच्च पद पर भी एक आदिवासी महिला आसीन है, जो यह संदेश दे रहा है कि आदिवासी समाज देश के लिए कितना महत्वपूर्ण है। इसलिए जंगल में रहने वाले आदिवासी खुद को अन्य लोगों से पृथक या कमजोर ना समझे। उनकी आवश्यकता के लिए एक तरफ शासन प्रशासन स्तर पर योजनाएं चलाई जा रही है तो वहीं सामाजिक संगठन भी समय-समय पर उनकी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए वचनबद्ध है।

इस अवसर पर श्रीमती मेघा मिश्रा (अध्यक्ष),सरिता बाजपेई(उपाध्यक्ष),सावित्री सोनी,लक्ष्मी सोनी,प्रमिला चौरसिया,कृष्णा बघेल ,सुधा राजपूत,सकुन्तला राजपूत,शीला जायसवाल,संगीता क्षत्रिय ,ममता ठाकुर , रिंकी बैनर्जी, सोनम ठाकुर, और राखी मिश्रा उपस्थित रहे।

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