
आकाश दत्त मिश्रा

बिलासपुर भू माफियाओं का गढ़ बन चुका है, जिसको देखो वही जमीन कारोबारी बना घूम रहा है। ऐसे अधिकांश लोग बिना नियम और शर्तों का पालन करें औने पौने दाम में जमीन खरीद कर , प्लाटिंग कर महंगे दामों में बेच रहे हैं । बार-बार की शिकायतों के बावजूद अधिकांश भू माफियाओं के खिलाफ किसी तरह की कार्यवाही नहीं हो रही जिससे उनके हौसले बुलंद है। बिलासपुर के सभी बाहरी क्षेत्रों जैसे मोपका, बहतराई, मंगला, सकरी, सीपत क्षेत्र में बड़ी संख्या में भूमाफिया सक्रिय है ।

एक लंबे अरसे बाद बिलासपुर नगर निगम का अमला भू माफिया के खिलाफ सख्त होता नजर आया। बहतराई अटल चौक के पास स्थित खसरा नंबर 244 /4 पटवारी हल्का नंबर 48 में 4 एकड़ की जमीन पर बाउंड्रीवाल बनाकर अवैध प्लाटिंग की जा रही थी । इसकी सूचना पाकर नगर निगम का अमला तीन जेसीबी, दो क्रेन और एक काउ कैचर के साथ पहुंचा। दर्जनभर से अधिक अधिकारियों के निर्देश पर यहां बाउंड्री वॉल को ढहा दिया गया। यहां डब्ल्यूबीएम सड़क का भी निर्माण किया गया था। वही खूंटी गड़ाकर प्लॉटिंग की जा रही थी।

यह जमीन किसी राकेश देवांगन और रेखा देवांगन की बताई जा रही है। भूमाफिया किसानों से बेहद कम कीमत पर सौदा कर उन्हें पेशगी के तौर पर बेहद मामूली रकम देकर ऊंची कीमत पर प्लॉट बचकर मुनाफा कमाते हैं और कई मर्तबा तो किसान को आखिरी किस्त देते भी नहीं। वहीं अवैध तरीके से प्लॉटिंग कर शासन को भी राजस्व का चूना लगाया जाता है।
बिलासपुर में बेहद कम जमीन कारोबारी ऐसे हैं जो रेरा के शर्तों का पालन करते हैं। लेकिन अधिकांश मामलों में जमीन किसान के नाम होने से ऐसे भू माफियाओं के खिलाफ कारवाही तक नहीं हो पाती । फिलहाल बहतराई में अवैध प्लाटिंग निर्माण को ढहा कर सामान की जब्ती बनाई गई है। जरूरी है कि इस तरह के दूसरे प्लॉटिंग की भी जांच कर उन पर भी ऐसी ही कार्यवाही निरंतर हो।
