

आलोक मित्तल
बिलासपुर का रेलवे नॉर्थ ईस्ट इंस्टिट्यूट मैदान एक ऐसा खेल मैदान है जहां तरह तरह के खेल, जिम और ओपन जिम में भाग लेने हर दिन बड़ी संख्या में युवा और बच्चे को पहुंचते हैं। अपने स्वास्थ्य के प्रति ख्याल रखने वाले ऐसे अधिकांश लोग साइकिल में ही मैदान पहुंचते हैं क्योंकि साइकिल चलाना भी अपने आप में एक व्यायाम है। वह जमाना गया जब साइकिल सस्ती हुआ करती थी। आजकल तो साधारण साइकिल भी 5000 से नीचे नहीं आती और कुछ साइकिले तो मोटरसाइकिल से भी महंगी है।
इधर पिछले कुछ समय से लगातार इंस्टिट्यूट मैदान से ऐसी ही महंगी साइकिले लगातार गायब हो रही थी, जिसकी शिकायत तोरवा पुलिस को मिल रही थी।

इंस्टिट्यूट मैदान में लगातार हो रही चोरियों से इंस्टिट्यूट में गठित कमेटी भी परेशान थी, जिन्होंने सीसीटीवी फुटेज के जरिए चोर का पता लगाया और चोर हाथ लगते ही उसे पकड़ कर पुलिस के हवाले किया।
ग्राम गोशलपुर सीहोरा जिला जबलपुर में रहने वाले 33 वर्षीय दीपक कुमार गोड़ को जब पकड़कर पूछताछ की गई तो पता चला कि वह ट्रेन के जरिए बिलासपुर आता था और रेलवे मैदान ग्राउंड से महंगी साइकिल चोरी कर उसे रेलवे के ही साइकिल स्टैंड के ही पार्किंग में छिपा देता था।
इसके बाद अपना आधार कार्ड दिखाकर और पारिवारिक मजबूरी एवं गरीबी का रोना रोकर सस्ते दामों में ग्रामीणों को यह साइकिल बेच देता था।
वह लगातार लंबे अरसे से यह काम कर रहा था। दीपक कुमार की निशानदेही पर पुलिस को 8 महंगी रेंजर साइकिल मिली हसि जिसकी कीमत एक लाख रुपए से भी अधिक है ।पुलिस ने उसकी निशानदेही पर चार साइकिल तो रेलवे स्टेशन साइकिल स्टैंड से ही बरामद किया , जिन्हें मिलाकर कुल पांच साइकल उससे बरामद हुए तो वही दीपक से साइकल खरीदने वाले दो खरीदारों से भी 3 जप्त किया गया।
कुल 8साइकिल जप्त कर साइकिल चोर दीपक गोड़ को गिरफ्तार कर लिया गया है।
सुनने में बड़ा अजीब लगता है कि इस दौर में भी साइकिल की चोरी हो रही है लेकिन जिस तरह साइकिल की कीमतें बढ़ी है और साइकल चोरी कर उन्हें बिना बिल खपाना भी आसान होता है ।इसलिए दीपक जैसे और भी कई साइकिल चोर सक्रिय है जिन का पता लगाकर उन्हें भी गिरफ्तार करना होगा, जिनकी निगाह बच्चों के साइकिल पर गड़ी होती है।
इस मामले को सुलझाने में
