
आकाश दत्त मिश्रा

सारा गांव निवासी रामप्रसाद गैंगरीन नामक खतरनाक बीमारी से ग्रसित हैं। कुछ दिनों पहले उन्होंने अपने इलाज के लिए चरामेति संस्था से संपर्क किया था और दवाओं के लिए सहयोग मांगा था। रामप्रसाद कभी ड्राइवर हुआ करते थे, लेकिन 11 साल पहले उनके हाथ को गैंग्रीन नामक बीमारी ने अपना शिकार बनाया। बीच में इलाज बंद होने के बाद बीमारी ने दोबारा उन्हें अपनी चपेट में ले लिया और उनके हाथों की तीन उंगलियां पूरी तरह से समाप्त हो गई। अब इस खतरनाक बीमारी ने उनके पैर को भी अपनी चपेट में ले लिया है। जिसके कारण डॉक्टर को उनका पैर काटना पड़ा। दूसरे पैर के अंगूठे और कुछ उंगलियां भी इस बीमारी की चपेट में खराब हो गए हैं। एक दशक से भी लंबे समय से उनका इलाज चल रहा है । उनके घर में एक 14 साल की बिटिया है जो सातवीं कक्षा में पढ़ती है। उनकी पत्नी किसी तरह से दिहाड़ी मजदूरी कर घर का खर्चा चलाती है, लेकिन उन्हें भी रोज काम नहीं मिलता। ऐसी हालत में दवाइयों का खर्च उठाना परिवार के लिए मुश्किल भरा है, इसलिए रामप्रसाद ने चरामेति फाउंडेशन से संपर्क किया जिसकी सहयोगी संस्था सुमित फाउंडेशन कुछ दिनों तक उन्हें दवाई उपलब्ध करायी।

सोशल मीडिया के माध्यम से इंदौर से गोल्डी खनूजा, भिलाई से देवेंद्र यादव, प्रकाश इंडस्ट्री में इंजीनियर राकेश जयसवाल ने आर्थिक मदद की।
विडंबना है कि दिव्यांग होने के बावजूद रामप्रसाद को दिव्यांग पेंशन नहीं मिलता। इस दिशा में भी से संस्था प्रयास कर रही है। चरामेति लगातार सोशल मीडिया में पोस्ट कर रामप्रसाद के लिए मदद मांगती रहती है। सोशल मीडिया में चरामेति का ऐसा ही पोस्ट देखते ही भोलेनाथ नाम के एक सज्जन ने रामप्रसाद के लिए शिल्पी मेडिकल स्टोर दीपका में दवाइयों का ऑर्डर दे दिया और जरूरत की रकम भी दुकान में छोड़ दी। उन्होंने अपना नाम न बताने की शर्त पर चरामेति को इसकी सूचना दी। ऐसे ही दानदाताओं की मदद से रामप्रसाद का इलाज चल रहा है लेकिन उन्हें सरकारी मदद की आवश्यकता है। इस दिशा में चरामेति फाउंडेशन लगातार प्रयास कर रहा है। वहीं आम लोगों से भी रामप्रसाद के इलाज और उनकी बेटी की पढ़ाई के लिए मदद मांगी जा रही है। इसके लिए कोई भी 930000540 या 930000510 पर संपर्क कर सकता है।
