
मो नासिर
ऐसा लगता है कि अब अपराध के मद्देनजर कानून में बालिग और नाबालिग पर बड़ा फैसला लेने की जल्द जरूरत है, क्योंकि बिलासपुर पुलिस द्वारा की जा रही अधिकांश कार्यवाहियो में यह बात निकल कर आ रही है कि आधे से अधिक अपराध नाबालिग ही कर रहे हैं। ऐसे ही एक मामले में एक नाबालिग के पास से चोरी के दो एक्टिवा वाहन बरामद हु,ए जिसकी कीमत ₹80,000 से भी अधिक है ।कुदुदंड के पास एक नाबालिक बालक एक सफेद रंग के एक्टिवा वाहन को बेहद तेज गति से चलाकर मुंगेली नाका की तरफ जा रहा था। पुलिस पेट्रोलिंग पार्टी की नजर उस पर पड़ी। उसकी उम्र और हुलिया देखकर पुलिस को शक हुआ। इसके बाद पुलिस ने उस नाबालिग का पीछा किया और आगे जाकर उसे रोका। जब पुलिस ने उससे वाहन क्रमांक सीजी 10पी 4551 के कागजात के संबंध में पूछताछ की तो उसने बताया कि उसके पास कागज नहीं है। जिसके बाद उसके परिजनों को थाने बुलाया गया लेकिन नाबालिक कोई भी संतोषजनक जवाब नहीं दे पाया। पूछताछ के दौरान उसने बताया कि नव वर्ष के 1 दिन पहले उसने नूतन चौक सरकंडा के पास से घूमने फिरने की नियत से इस एक्टिवा को एक पुरानी चाबी से खोल कर चोरी किया था। इस बीच वह बड़े आराम से चोरी की एक्टिवा पर घूमता रहा। चोरी के वाहन को वह बीच-बीच में अपने किसी दोस्तों के घर छिपा देता और कभी-कभी निकालकर उस पर घूमता था। यह भी पता चला कि करीब डेढ़ महीने पहले इसी नाबालिग ने शनिचरी बाजार बिलासपुर से एक और काले रंग का एक्टिवा क्रमांक सीजी 10 ईजे 4644 की भी चोरी की थी जिसे वह त्रिवेणी नगर गीता पैलेस सरकंडा में छिपा कर रखा हुआ था। हालांकि पुलिस पूछताछ में उसने बताया कि उसने जिस चाबी का इस्तेमाल वाहनों की चोरी के लिए किया था उसे उसने कहीं फेंक दिया है। इस मामले में परिजनों की भूमिका भी कम संदिग्ध नहीं है क्योंकि ऐसा मुमकिन नहीं कि कोई नाबालिक लगातार अलग-अलग एक्टिवा पर सवारी कर रहा हो और परिजनों को इसकी जानकारी तक ना हो । बिलासपुर शहर में इसी तरह के अपराधी तत्वों द्वारा लगातार वाहनों की चोरी कर उन्हें सड़कों पर बेहद खतरनाक तरीके से दौड़ाया जा रहा है, जिससे अन्य लोगों की जान पर भी खतरा है, लेकिन अफसोस इस बात की है कि कानून के नजर में ऐसे शातिर अपराधी भी नाबालिग और मासूम है, जिनके खिलाफ कोई खास सख्त कानूनी कार्रवाई संभव नहीं। इसी का फायदा ऐसे तत्व लगातार उठा रहे हैं इसलिए अब वक्त आ गया है कि कानून में ठोस संशोधन हो ताकि ऐसे तत्वों पर लगाम लग सके।
