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कहते हैं शादी दो आत्माओं और दो परिवार का मिलन है लेकिन इन दिनों शादी विवाह केवल आडंबर और विलासिता का प्रदर्शन भर बनकर रह गये है । कुछ समाज ऐसे हैं जिनके पास बेहिसाब पैसा है और उनके द्वारा विवाह समारोह को इस कदर आलीशान बना दिया गया है जिसकी बराबरी करने की कोशिश में आम आदमी अपनी जमा पूंजी लुटा कर कर्जदार बन रहा है । सिंधी समाज भी इन्हीं में से एक है, इसलिए सिंधी समाज के बिरादरी पंचायत ने नई कार्यकारिणी गठन के बाद ली बैठक में महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए वैवाहिक समारोह में फिजूलखर्चीयों पर नकेल कसने का निर्णय लिया है। यहां कहा गया कि समाज में कई कुरीतियां बढ़ती जा रही है। विवाह समारोह को आलीशान बनाने की कोशिश में अनावश्यक खर्च जोड़ दिए गए हैं। इस पर निर्णय लेते हुए कहा गया कि विवाह में शामिल होने वाले मेहमानों की संख्या सीमित की जाए। सिंधी समाज के विवाह कार्यक्रम में पापड़ पानी एक मुख्य अंग है ।इस कॉकटेल पार्टी पर भी पूर्ण प्रतिबंध लगाने का निर्णय समाज के वरिष्ठ लोगों ने लिया है, जिसे सभी ने सर्वसम्मति से स्वीकार भी कर लिया है ।बिलासपुर शहर के व्यापार वाणिज्य में सिंधी समाज का बड़ा योगदान है। सिंधी समाज की गिनती धनाढ्य वर्ग में है, यही कारण है कि नई पीढ़ी अपने विवाह समारोह में पैसा पानी की तरह बहा रही है, लेकिन जो लोग सक्षम नहीं है वे इसके मुकाबले खुद को बौना पा कर कुंठित हो रहे है। समाज में बढ़ती फिजूलखर्ची की आदत और अनावश्यक खर्चों पर नकेल कसने की कवायद सिंधी समाज बिरादरी पंचायत ने शुरू कर दी है। इसके तहत कॉकटेल पार्टी पर प्रतिबंध लगाने की पहल सराहनीय है, दीगर समाजों को भी इससे प्रेरणा लेने की आवश्यकता है।
