मुंगेली में सरकारी जमीन की गुपचुप हो रही बंदरबांट, अब उठने लगी है जांच की मांग

आकाश दत्त मिश्रा

 नगरीय निकाय क्षेत्र में राज्य शासन के नियमानुसार कच्चे मकान को पक्का एवं पक्के मकान को बाजार मूल्य से 102% अधिक पर फ्री होल्ड करने का नियम सरकार ने बनाया है। इसी तरह नगरीय क्षेत्र की भूमि पर जब तक किसी व्यक्ति का कब्जा शो नहीं होता हो तब तक उक्त भूमि का मालिकाना हक नगरीय निकाय के पास होता है जबकि मुंगेली नगर पालिका क्षेत्र के अंतर्गत रिक्त भूमि वर्ग विशेष  को आवंटित की जा रही है जो कि शासन के नियमों का उल्लंघन  है
 ऐसा भी प्रतीत होता है कि नगर पालिका सीएमओ द्वारा जो एनओसी जारी की गई है उसमे सीएमओ ने इस बात को ध्यान में ना रखते हुए की नगरीय क्षेत्र में शासन की किसी भी प्रकार की कोई भी भूमि जिस पर नगर पालिका द्वारा प्रस्तावित कार्यों के क्रियान्वयन के लिए सुरक्षित रखी जाती है तथा उक्त भूमि को किसी के द्वारा मांगी जाती है तो परिषद में इसका प्रस्ताव लाकर सहमति ली जाती है जबकि सीएमओ द्वारा ऐसा नहीं किया गया है । जो भूमि आवंटित की गई है जिनमें से दो व्यक्ति विशेष को अधिक से अधिक प्लाट दिया जा रहा है शेष भूमि पर भी व्यक्ति विशेष ने नाम बदलकर उसे खरीदने का प्रयास किया है जिससे शासन को करोड़ों की क्षति हो रही है तथा राज्य शासन की बदनामी भी हो रही है। 

इस आशय का ज्ञापन

जिला कांग्रेस कमेटी उपाध्यक्ष विनय चोपड़ा ने सौंपते हुए मांग की है कि
चूंकि  मुंगेली जिला है यहां विकास की असीम संभावनाएं जिला स्तर के अधिकारियों के लिए भूमि की आवश्यकता शासन को पड़ सकती है सार्वजनिक हित में बहुत से आंगनबाड़ी मोहल्ला क्लीनिक लघु वाटिका पार्किंग आदि अन्य व्यवस्था की जानी है नगरपालिका की जा रही है सभी लोग हैं मुनाफा कमा सकते हैं मृदुल की उक्त भूमि का आवंटन पूरी तरह से नियमों का पालन नहीं किया गया है कुछ अधिकारियों और भूमाफिया के द्वारा निजी हित में आवंटित की गई है उसे नगर हित में रद्द किया जावे और राशि को जप्त किया जावे साथ ही सभी के विरुद्ध दंडात्मक कार्यवाही की जावे।  इस तरह किसी बड़े घोटाले का संदेह जाहिर करते हुए इसकी जांच कराने की मांग की गई है। मामले में किसी तरह की कार्यवाही ना होने पर उग्र आंदोलन की भी चेतावनी दी गई है।

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