ओखर गौशाला में 25 गायों की मौत, भूख बनाम बीमारी पर बवाल

बिलासपुर जिला मुख्यालय से महज 10 किलोमीटर दूर मस्तूरी ब्लॉक के ओखर गांव स्थित श्री वासुदेव गौशाला में गायों की मौत को लेकर हंगामा खड़ा हो गया है। ग्रामीणों का आरोप है कि गौशाला में चारे की भारी कमी है और भूख से अब तक 25 से ज्यादा गायों की मौत हो चुकी है। वहीं, गौशाला समिति के प्रबंधक का कहना है कि गायें बीमारियों और सड़क हादसों में घायल होकर मर रही हैं।

बुधवार को ग्रामीणों की शिकायत पर तहसीलदार प्रकाश साहू और पशु चिकित्सा विभाग की टीम मौके पर पहुंची। निरीक्षण के दौरान तीन गायें मृत और चार मरणासन्न मिलीं। ग्रामीणों ने मृत गायों को दफनाई गई जगह की खुदाई की मांग की, लेकिन संक्रमण की आशंका के चलते प्रशासन ने इंकार कर दिया। तहसीलदार ने बताया कि इस महीने अब तक आठ गायों की मौत की पुष्टि हुई है। उन्होंने आश्वासन दिया कि अब गौशाला में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे और वेटरनरी डॉक्टर नियमित दौरा कर इलाज करेंगे।

ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि जांच के दौरान अधिकारियों ने केवल सरपंच और पंच को बुलाया, जबकि आम ग्रामीणों को नजरअंदाज किया गया। मनू यादव, मनहरण पटेल और झंडी साहू सहित अन्य ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि यदि जल्द ही चारे की व्यवस्था नहीं हुई और समिति को भंग नहीं किया गया, तो वे कलेक्टर कार्यालय का घेराव कर आंदोलन करेंगे।

25% मवेशियों में लीवर की समस्या
पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. यशवंत डहरिया ने बताया कि तीन मृत गायों का पोस्टमार्टम किया गया है। रिपोर्ट संयुक्त संचालक को सौंपी जाएगी। जांच में लगभग 25% मवेशियों में लीवर की समस्या पाई गई है। चार बीमार गायों का इलाज कर उनकी जान बचाई गई।

प्रबंधन ने दी दलील
गौशाला के मैनेजर रामविलास पटेल ने ग्रामीणों के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि गौशाला में करीब 300 गायें हैं, जिनमें कई सड़क हादसों में घायल होकर लाई गई हैं। उन्होंने माना कि बड़ी संख्या में गायों की देखभाल चुनौतीपूर्ण है, लेकिन मौतें भूख से नहीं बल्कि बीमारियों से हो रही हैं। हालांकि, बीते चार-पांच दिनों में कितनी गायों की मौत हुई, इसका स्पष्ट आंकड़ा उन्होंने नहीं बताया।

बैठक में बनी सहमति
निरीक्षण के बाद हुई बैठक में मृत गायों का पोस्टमार्टम कर मौत का कारण स्पष्ट करने, शेष मवेशियों का स्वास्थ्य परीक्षण, सीसीटीवी कैमरों की मरम्मत और पर्याप्त चारे की व्यवस्था करने पर सहमति बनी है।

ओखर में गायों की मौत पर ग्रामीण और प्रबंधन के अलग-अलग दावों से विवाद गहराता जा रहा है। अब असली सच पोस्टमार्टम रिपोर्ट और आगामी जांच से ही सामने आएगा।

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