

बिलासपुर। मौलाना कारी बशीर अहमद की पत्नी सलमा की संदिग्ध मौत के बाद मामला तूल पकड़ता जा रहा है। मृतका की मां और भाइयों द्वारा मौलाना पर मारपीट कर हत्या करने और साक्ष्य छिपाने का आरोप लगाया गया था। वहीं बुधवार को मौलाना का पक्ष रखने मिर्जापुर के ग्राम प्रधान, एक रेल अधिकारी व अन्य करीबी रिश्तेदार सिविल लाइन थाने पहुंचे और सलमा को मानसिक रोगी बताते हुए पुराने मेडिकल रिकॉर्ड पेश किए।
सिविल लाइन टीआई एसआर साहू ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद स्पष्ट कहा कि सबसे पहले मौलाना कारी बशीर अहमद और उसकी 7 वर्षीय बेटी को थाने लाना जरूरी है, क्योंकि बच्ची ने ही मोहल्ले के लोगों को घटना की जानकारी दी थी। पुलिस बच्ची का बयान भी दर्ज करेगी।
फिनायल पीने का जिक्र नहीं, मेडिकल रिपोर्ट ने बढ़ाई उलझन
दोनों पक्षों ने सलमा के फिनायल पीने की बात कही है, लेकिन पुलिस को सौंपी गई प्रारंभिक मेडिकल रिपोर्ट और डॉक्टर के बयान में फिनायल सेवन का कोई जिक्र नहीं है। पुलिस का कहना है कि अगर पोस्टमार्टम रिपोर्ट में जहर या फिनायल सेवन की पुष्टि होती है, तो अस्पताल प्रबंधन पर भी सवाल उठ सकते हैं।
मर्ग इंटीमेशन न देने से बिगड़ी स्थिति
टीआई ने बताया कि मौलाना की ओर से तत्काल मर्ग इंटीमेशन (सूचना) पुलिस को नहीं दी गई, जिससे मामला संदिग्ध हो गया और तूल पकड़ लिया। अब रामपुर पुलिस जीरो में मर्ग इंटीमेशन दर्ज कर पोस्टमार्टम कराएगी, इसके बाद बिलासपुर सिविल लाइन थाने में अपराध पंजीबद्ध कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
क्या है पूरा मामला?
- सलमा की मौत के बाद मायके पक्ष ने मौलाना पर मारपीट और जबरन टॉयलेट क्लीनर पिलाकर हत्या करने का आरोप लगाया।
- मौलाना पक्ष का कहना है कि सलमा मानसिक रोग से पीड़ित थी और उसने खुद ही यह कदम उठाया।
- मोहल्ले वालों के अनुसार, घटना के बाद मौलाना की बेटी ने रोते हुए आसपास के लोगों को सूचना दी थी।
फिलहाल पुलिस दोनों पक्षों के बयान दर्ज कर रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत की असली वजह सामने आएगी और यह तय होगा कि मामला आत्महत्या का है या हत्या का।
