

बिलासपुर। कोनी स्थित एचडीएफसी बैंक के मैनेजर की सतर्कता ने ऑनलाइन ठगी के एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश कर दिया। बैंक में मोबाइल नंबर बदलवाने आए एक संदिग्ध व्यक्ति पर शक होने के बाद पुलिस को सूचना दी गई। जांच में सामने आया कि आरोपी म्यूल खातों के जरिए ठगी के पैसे को घुमा रहा था। रेंज साइबर थाने की टीम ने मौके पर पहुंचकर कार्रवाई करते हुए कुल छह म्यूल खाताधारकों को गिरफ्तार कर लिया।
बैंक में नंबर बदलवाने पहुंचा था आरोपी, वहीं से खुला राज
21 जुलाई को कोनी एचडीएफसी बैंक में एक आरोपी किराए के खाते में मोबाइल नंबर बदलवाने पहुंचा। उसकी गतिविधियों पर बैंक मैनेजर को शक हुआ। मैनेजर ने तुरंत खाते की जांच कराई, जिसमें 3.91 लाख रुपए का संदिग्ध लेनदेन सामने आया। सूचना मिलते ही रेंज साइबर थाने की टीम ने बैंक पहुंचकर कार्रवाई की और मौके से चार आरोपियों को पकड़ लिया। इनमें खाता किराए पर लेने वाला एजेंट अविनाश सूर्यवंशी, सरोजा सोनवानी, सनत कौशिक और सुनील दास शामिल हैं।
साइबर क्राइम पोर्टल से मिली जानकारी पर और दो गिरफ्तार
इसी बीच साइबर क्राइम पोर्टल से जांच के दौरान दो अन्य संदिग्ध खातों में कुल 20.44 लाख रुपए का लेनदेन पाया गया। यह राशि म्यूल अकाउंट से कई खातों में ट्रांसफर की गई थी। इस सुराग के आधार पर पुलिस ने धर्मेंद्र प्रसाद सूर्यवंशी (कोनी) और हरप्रसाद जांगड़े (तिफरा) को भी गिरफ्तार कर लिया।
2500 रुपए प्रतिमाह में किराए पर लेते थे खाते
पुलिस पूछताछ में गिरफ्तार एजेंट ने बताया कि प्रत्येक खाताधारक को खाते का उपयोग करने के बदले प्रतिमाह 2500 रुपए दिए जाते थे। खाते में ठग गिरोह के मोबाइल नंबर अपडेट कराए जाते थे ताकि ठगी का पैसा सीधे उन्हीं तक पहुंचे। आरोपी एजेंट इन्हीं खातों में नंबर अपडेट कराने बैंक गया था, जिससे पूरा मामला सामने आया।
कोरियर से मंगवाते थे एटीएम और पिन
पुलिस के अनुसार, ठग गिरोह का सरगना पहले एजेंट तैयार करता और उनसे खातों की व्यवस्था कराता था। खाताधारकों से एटीएम कार्ड, पिन और मोबाइल नंबर जैसी जरूरी जानकारियां कोरियर से मंगवाई जाती थीं। इसके बाद म्यूल खातों के जरिए ठगी का पैसा देशभर में अलग-अलग खातों में ट्रांसफर किया जाता था।
गिरोह के सरगना तक पहुंचने की तैयारी
रेंज साइबर थाने की टीम को गिरोह के सरगना से जुड़े कुछ अहम सुराग मिले हैं। पुलिस का मानना है कि यह एक संगठित नेटवर्क है, जो अलग-अलग शहरों में लोगों को लालच देकर खाते किराए पर लेता है। सभी आरोपियों के खिलाफ ऑनलाइन ठगी और आईटी एक्ट की धाराओं में केस दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है।
क्या है म्यूल खाता?
म्यूल खाता ऐसे बैंक खातों को कहा जाता है जिन्हें ठगी या अपराध से कमाए गए पैसे को घुमाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। खाताधारक को मामूली रकम देकर उसका खाता किराए पर लिया जाता है और ठगी का पैसा उसमें ट्रांसफर किया जाता है। इससे असली ठग आसानी से पकड़ से बाहर रहते हैं।
पुलिस की अपील
पुलिस ने लोगों से अपील की है कि किसी भी लालच में आकर अपना बैंक खाता, एटीएम कार्ड या मोबाइल नंबर किसी अनजान व्यक्ति को न दें। ऐसा करना न केवल अपराधियों को मदद पहुंचाना है, बल्कि खुद भी कानूनी कार्रवाई के दायरे में आ सकते हैं।
