
शशि मिश्रा

बिलासपुर अवैध धर्मांतरण का गढ़ बन चुका है। लगातार हिंदू संगठनों के विरोध और पुलिसिया कार्यवाही के बावजूद इस तरह के मामले थमने का नाम नहीं रहे, जिससे समझा जा सकता है कि इसके पीछे विदेशी फंडिंग के साथ किस तरह का दबाव होगा कि आरोपी खतरा मोल ले रहे हैं।
इस रविवार को सरकंडा थाना क्षेत्र के गीतांजलि सिटी में अवैध धर्मांतरण का मामला उजागर हुआ। आत्मानंद स्कूल की शिक्षिका अरुंधति साहू गीतांजलि सिटी फेस 2 के गली नंबर 7 में किराए के मकान में रहती है। पड़ोसियों का दावा है कि पिछले 6 महीने से हर रविवार को उसके मकान में प्रार्थना सभा की आड़ में अवैध धर्मांतरण का खेल खेला जा रहा है, जिसकी शिकायत हिंदू संगठनों को भी मिली थी, जिन्होंने इसकी सूचना सरकंडा पुलिस को दी।

रविवार को सरकंडा पुलिस मौके पर जांच के लिए पहुंची साथ में हिंदू संगठन से जुड़े लोग भी थे। तो पता चला कि किराए के मकान में कथित प्रार्थना सभा का आयोजन किया जा रहा है। खास बात यह थी कि प्रार्थना सभा में ईसाइयों के अलावा बड़ी संख्या में हिंदू भी शामिल थे। मौके पर 20 से 25 लोग मिले। इस प्रार्थना सभा में हिंदू क्या कर रहे थे इस सवाल पर अरुंधति साहू बगले झांकने लगी। बताया जा रहा है कि यहां एक बड़े वर्ग को प्रलोभन और भय दिखाकर उनके मतांतरण का प्रयास किया जा रहा था। हालांकि अरुंधति साहू यह दावा करती रही कि उसे ऐसा करने की अनुमति हासिल है। यही कारण है कि दोनों पक्षों में विवाद की नौबत भी आयी। बाद में पुलिस ने अवैध धर्मांतरण के आरोप में अरुंधति साहू और अन्य लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर लिया है।

बिलासपुर में पिछले कुछ महीने में ही अवैध मतांतरण के 25 से अधिक मामले उजागर हुए हैं हालांकि दावा यह भी है कि बिलासपुर में 150 से अधिक स्थानों पर अवैध मत्तांतरण का यह खेल खेला जा रहा है, जिसके पीछे विदेशी फंडिंग का बड़ा हाथ है। इस तरह से यहां की डेमोग्राफी बदलने की कोशिश हो रही है ताकि आने वाले चुनाव में सरकार बदली जा सके। यही कारण है कि अवैध धर्मांतरण को लेकर सरकार भी सजग है, मगर इस सत्र में भी अवैध धर्मांतरण को लेकर पेश होने वाला बिल पेश नहीं किया गया जिससे सरकार की मंशा पर भी सवाल उठ रहे हैं।
