मातृत्व में डॉयल-112 बनी देवदूत, वाहन में कराई सुरक्षित डिलीवरी, जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ

बिलासपुर जिले के कोटा थाना क्षेत्र से एक मानवीय और सराहनीय घटना सामने आई है, जहाँ डॉयल-112 की तत्परता और संवेदनशीलता ने एक महिला व उसके नवजात शिशु की जान बचाई।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, फकीर मोहल्ला, बिलासपुर की एक गर्भवती महिला को अचानक तेज प्रसव पीड़ा होने लगी। परिजनों के पास अस्पताल ले जाने के लिए कोई साधन नहीं था। ऐसी स्थिति में डॉयल-112 को सूचना दी गई, जिस पर कोटा की ईगल-1 टीम तुरंत महिला के घर पहुंची। टीम में आरक्षक राजेश कुर्रे (आर.724) और चालक अनिल पंकज मौजूद थे।

महिला को परिजनों के साथ अस्पताल ले जाया जा रहा था, किंतु रास्ते में प्रसव पीड़ा बढ़ने पर परिजनों ने वाहन रुकवाने का आग्रह किया। टीम ने तुरंत वाहन रोका और डिलीवरी के लिए आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराई। ग्राम मितानिन और परिजनों की सहायता से वाहन में ही सुरक्षित प्रसव कराया गया।

बाद में मां और नवजात को प्राथमिक उपचार हेतु अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहाँ दोनों की हालत पूरी तरह स्वस्थ बताई गई है।

प्रसूता महिला और उसके परिजनों ने डॉयल-112 टीम और बिलासपुर पुलिस का हृदय से आभार व्यक्त किया है।

इस सराहनीय कार्य के लिए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री रजनेश सिंह (IPS) ने आरक्षक राजेश कुर्रे की प्रशंसा करते हुए उन्हें सम्मानित किया।

बिलासपुर पुलिस की अपील:
बिलासपुर पुलिस ने आमजन से अपील की है कि किसी भी आपात स्थिति, दुर्घटना, अपराध या सहायता की आवश्यकता होने पर बिना झिझक डॉयल-112 पर संपर्क करें। पुलिस आपकी सेवा में सदैव तत्पर है।


यह घटना न केवल पुलिस सेवा की तत्परता को दर्शाती है, बल्कि यह भी सिद्ध करती है कि डॉयल-112 अब सिर्फ आपात सेवा नहीं, बल्कि जीवन रक्षक प्रणाली बन चुकी है।

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