

बिलासपुर। कोटा थाना क्षेत्र में जंगली जानवरों का शिकार करने के लिए लगाए गए अवैध विद्युत करंट की चपेट में आने से एक युवक की मौत हो गई। मौत के बाद आरोपियों ने साक्ष्य छिपाने के लिए शव पर पेट्रोल डालकर जला दिया। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू की और 02 आरोपियों को गिरफ्तार करने के साथ ही 02 विधि से संघर्षरत बालकों को निरुद्ध किया है।
मामला थाना कोटा क्षेत्र के ग्राम डिंडोल स्थित दोषी मुंडा तालाब के पास जंगल का है। जानकारी के अनुसार, 29 अक्टूबर से 3 नवंबर 2025 के बीच किसी अज्ञात व्यक्ति की विद्युत करंट लगने से मृत्यु होने और शव को जलाकर साक्ष्य नष्ट करने की सूचना पुलिस को मिली थी। इस पर प्रार्थी आजू राम कुशराम के आवेदन पर थाना कोटा में मर्ग धारा 194 बीएनएसएस के तहत जांच प्रारंभ की गई।

जांच के दौरान गवाहों के कथन और घटनास्थल निरीक्षण से यह तथ्य सामने आया कि ग्राम नर्मदा डिंडोल के कुछ व्यक्तियों ने 11 केवी विद्युत पोल से नंगी जीआई तार खींचकर अवैध रूप से जंगली जानवरों का शिकार करने के लिए जाल बिछाया था। इसी दौरान मृतक अयोध्या सिंह खुसरो (उम्र 35 वर्ष), निवासी छिरहापारा धुमा, थाना तखतपुर, उक्त क्षेत्र से गुजरते समय विद्युत करंट की चपेट में आ गया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
घटना को छिपाने के लिए आरोपियों ने साक्ष्य मिटाने के उद्देश्य से शव पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी।
पुलिस जांच के बाद आरोपियों जान सिंह बैगा पिता चरण बैगा (48 वर्ष), अनिल बैगा पिता मंहगु बैगा (25 वर्ष) एवं दो विधि से संघर्षरत बालकों के विरुद्ध धारा 105, 238, 3(5) भारतीय न्याय संहिता (BNS) के तहत अपराध दर्ज किया गया है।
घटना के बाद आरोपी जंगल में छिपे हुए थे, जिन्हें कोटा पुलिस ने निरंतर निगरानी और घेराबंदी के जरिए गिरफ्तार किया। फरार आरोपियों की तलाश और संभावित ठिकानों पर दबिश जारी है।
इस पूरी कार्रवाई में थाना प्रभारी श्री तोप सिंह नवरंग के निर्देशन में स.उ.नि. नहारू राम साहू, चन्द्रप्रकाश पाण्डेय, प्र.आर. सत्यप्रकाश यादव, आर. रविंद्र मिश्रा, आर. दीप सिंह कंवर, आर. प्रफुल्ल यादव, आर. विनोद यादव, आर. सोमेश्वर साहू एवं आर. संजय श्याम का सराहनीय योगदान रहा।
कोटा पुलिस की जनअपील:
पुलिस ने आमजन से अपील की है कि अवैध विद्युत शिकार जैसे खतरनाक और गैरकानूनी कार्यों की सूचना तुरंत स्थानीय थाना या डायल 112 पर दें। ऐसे अपराध न केवल वन्यजीवों के लिए घातक हैं, बल्कि निर्दोष मानव जीवन को भी गंभीर खतरे में डालते हैं।
