20 साल से पुलिस को थी जिस नशे के सौदागर सुच्चा सिंह की तलाश, आखिरकार वह जबलपुर से पकड़ाया

संजीव उर्फ सुच्चा सिंह पिछले 20 सालो से बिलासपुर सहित देश के अलग-अलग क्षेत्र में नशे का अवैध कारोबार कर रहा था। बिलासपुर के ही अलग-अलग थानों जैसे कोनी, तारबाहर,कोतवाली, सरकंडा , सिविल लाइन  में उसके खिलाफ आधे दर्जन से अधिक मामले दर्ज है। पुलिस लंबे समय से टिकरापारा निवासी संजीव उर्फ सुच्चा सिंह की तलाश कर रही थी। नशे के अवैध कारोबार में पकड़े गए बंटी गहरवार की पत्नी और सरकंडा के आरोपी पप्पू श्रीवास ने सुच्चा सिंह से ही नशीली दवा और इंजेक्शन खरीदने की बात कही थी। तब से पुलिस उसकी तलाश कर रही थी।

नशे के कारोबार से हासिल दौलत से उसने नागपुर के मोदा में चार दुकान और जमीन, दिल्ली के फरीदाबाद में प्रॉपर्टी, जबलपुर में भी जमीन खरीदी थी। पुलिस को जानकारी मिली की सुच्चा सिंह जबलपुर स्थित अपनी जमीन पर दुकान और मकान का निर्माण कर रहा है ।जिसके बाद पुलिस की एक टीम जबलपुर पहुंची और संजीव उर्फ सुच्चा छाबड़ा को पकड़ लिया।

पूछताछ में पता चला कि वह 2005 से शहर में नशीली दवाइयां की बिक्री कर रहा है। 2014 में पुलिस का दबाव बढ़ने पर वह बिलासपुर छोड़कर नागपुर के मोदा में शिफ्ट हो गया था और वहां से इस कारोबार का संचालन कर रहा था। 2023 में सुच्चा द्वारा पप्पू श्रीवास और आकांक्षा को नशीली दवाई बेचने के लिए दी गई थी। पुलिस को उसके नागपुर वाले ठिकाने का पता चल गया था इसलिए सुच्चा सिंह नागपुर से भाग कर जबलपुर चला गया था । लोगों को गुमराह करने के लिए वह खुद को छाबड़ा कंस्ट्रक्शन का संचालक बताता था और गुप्त रूप से नशे का कारोबार चल रहा था, लेकिन आखिरकार वह पकड़ा गया।

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