हर साल 2 फरवरी को मनाया जाने वाला वर्ल्ड वेटलैंड डे मनाया जाता है। विश्व आर्द्रभूमि दिवस पहली बार ईरान में मनाया गया था। इसे मनाने का कारण आर्द्रभूमि की महत्त्वपूर्ण भूमिका के बारे में विश्वभर में जागरूकता बढ़ाना है। आर्द्रभूमि यानि वेटलैंड्स जमीन का वह हिस्सा है जहां साल भर पूरी तरह या थोड़ा बहुत पानी भरा रहता हैं और ऐसी जगहों पर भारी मात्रा में ऐसे स्रोत होते हैं जो मानव और जानवरों दोनों के काम आते है। इसलिए 2 फरवरी, 1997 में नदियों, झीलों, तालाबों आदि की खराब हालत को देखते हुए विश्व आर्द्रभूमि दिवस मनाया गया था। इसके बाद से हर साल पूरी दुनियाभर में वर्ल्ड वेटलैंड्स डे मनाया जाता है।
विश्व आर्द्रभूमि दिवस 2024 का विषय: ” आर्द्रभूमि और मानव कल्याण “है।
इस तारतम्य में भारत माता आंग्ल माध्यम शाला के इको क्लब के छात्र छात्राओं द्वारा कोपरा जलाशय बेलमुंडी में बर्ड वाचिंग,काउंटिंग और अपने वेटलैंड को जाने तथा उसे बचाने पर कार्यक्रम आयोजित किया गया।इस कार्यक्रम का आयोजन छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल रायपुर के सहयोग से किया गया। इस कार्यक्रम में इको क्लब के सदस्यों को प्रवासी पक्षियों के बारे के में पक्षी विशेषज्ञों द्वारा बताया गया।उनके रहवास तथा जीवन चक्र में आर्द्रभूमि के महत्व की जानकारी प्रदान की गई। बर्ड वाचिंग और उनकी गणना करने में सदस्यों ने अपनी सभागिता दी। इस अवसर पर शाला के प्राचार्य फादर सलीन ने वेटलैंड की उपयोगिता पर जानकारी प्रदान की।
शिक्षक रेजिनल पारख ने पक्षी गीत द्वारा जन जागरूकता का संदेश दिया।
इको क्लब के राज्य प्रभारी श्री अमर प्रकाश सावंत जी छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल रायपुर ने अपने संदेश में कोपरा जलाशय में आयोजित इस कार्यक्रम की सफलता पर इको क्लब के सदस्यों को बधाई दी।इस अवसर पर कोपरा के सरपंच और उपसरपंच व शाला के सभी शिक्षक शिक्षिकाओं का सहयोग प्राप्त हुआ।