बिलासपुर में सर्व सुविधा युक्त हवाई सेवा के लिए पिछले 4 सालों से संघर्ष कर रहे हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति के कार्यकर्ता को उस वक्त गिरफ्तार कर लिया गया जब वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ज्ञापन सौंपने के लिए साइंस कॉलेज मैदान की ओर जा रहे थे।
बिलासपुर में सर्व सुविधा युक्त हवाई सेवा के लिए आंदोलित कार्यकर्ताओं का कहना है कि हवाई सेवा के क्षेत्र में लगातार बिलासपुर की अपेक्षा की जा रही है। उड़ान 5 योजना से भी बिलासपुर को बाहर कर दिया गया है । जमीन वापसी भी नहीं हो पाई है । सांसद भी लोगों की नहीं सुनते, जिसे लेकर हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ज्ञापन सौंपने का निर्णय लिया था। इसके लिए सप्ताह भर पहले ही प्रधानमंत्री कार्यालय और छत्तीसगढ़ से केंद्र में राज्य मंत्री रेणुका सिंह के कार्यालय से ज्ञापन देने के लिए समय मांगा गया था, लेकिन पीएमओ से समिति को कोई जवाब नहीं मिला।
इसके बाद महा धरना स्थल से हेलीपैड तक के लिए कार्यकर्ताओं ने कूच किया, जिनका आरोप है कि बिलासपुर एयरपोर्ट से संबंधित सभी महत्वपूर्ण मामले केंद्र सरकार के पास अटके हुए हैं । सेना के कब्जे वाली 1012 एकड़ जमीन 2011 में अधिग्रहण के बाद से बेकार पड़ी है, सेना ने अपना ट्रेनिंग सेंटर और छावनी बनाने का प्रस्ताव रद्द कर दिया है। जमीन को रक्षा मंत्रालय ने वापस करने की सैद्धान्तिक सहमति पहले से ही दे दी है । इन्हीं मुद्दों को लेकर प्रधानमंत्री से मिलने जा रहे संघर्ष समिति के सदस्यों को देवकीनंदन चौक के पास गिरफ्तार कर लिया गया, जिन्हें सिविल लाइन थाने ले जाया गया है। गिरफ्तारी देते हुए कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री के खिलाफ नारेबाजी भी की।