बिलासपुर में कथित तौर पर सर्दी खांसी से पीड़ित बच्चे को इंजेक्शन लगाते ही उसकी मौत हो गई । परिजनों ने डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाया है। 7 माह के मासूम बच्चे की इलाज के दौरान मौत हो जाने के बाद परिजनों ने अस्पताल में भी जमकर हंगामा मचाया और थाने में इसकी शिकायत की है।
कोनी निवासी रजनीकांत के साथ महीने के बेटे को सर्दी खांसी थी। सोमवार को उसे इलाज के लिए वेयरहाउस रोड स्थित उदय चिल्ड्रन हॉस्पिटल लाया गया, जहां डॉक्टर राकेश साहू ने जांच के बाद बच्चे को नेबुलाइजर करने के लिए कह, साथ ही अपने स्टाफ को इंजेक्शन लगाने के भी निर्देश दिए । बच्चों के पेरेंट्स को बताया गया कि कुछ देर बाद बच्चा ठीक हो जाएगा। बच्चे को भाप देने के बाद उसे इंजेक्शन लगाया गया, जिससे कुछ ही देर बाद उसकी तबीयत बिगड़ने लगी। इसके बाद अस्पताल के कर्मचारियों ने बच्चे को आईसीयू में शिफ्ट कर दिया। इसी दौरान बच्चे की मौत हो गई।
आईसीयू के बाहर परिजन बच्चे का हाल जानने के लिए परेशान थे, इसी दौरान डॉक्टर ने बताया कि इलाज के दौरान बच्चे की मौत हो गई है। यह सुनकर परिजन आवक रह गए। गुस्से में परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा मचाया और डॉक्टर और स्टाफ पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया। जानकारी मिलने पर पुलिस भी मौके पर पहुंच गयी।
परिजनों को कहना है कि बच्चे को सामान्य सर्दी खांसी थी, शायद उनकी गलती थी कि वे उसे इलाज के लिए उदय चिल्ड्रन अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां इंजेक्शन देने पर बच्चे की मौत हो गई।
इधर डॉक्टर राकेश साहू ने आरोपो को खारिज करते हुए कहा कि भाप देने के बाद बच्चे की सांस नली में कफ फंस गया था, जिसके कारण उसकी मौत हुई है। इसे उन्होंने चिकित्सकीय लापरवाही मानने से इनकार कर दिया । पुलिस ने शिकायत के बाद मामले को जांच में लिया है , जिसे पोस्टमार्टम रिपोर्ट की प्रतीक्षा है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही आगे की कार्यवाही की जाएगी ।
बिलासपुर में एक के बाद एक इसी तरह के लापरवाही के मामले सामने आ रहे हैं ।हाल ही में एक आयुर्वेदिक डॉक्टर द्वारा एलोपैथी इलाज करने से बुजुर्ग महिला की मौत हो गई थी, फिर एक डॉक्टर ने महिला के सही पैर का ऑपरेशन कर दिया और यहां इंजेक्शन लगाने से बच्चे की मौत होने का आरोप है।