

ज़िला कांग्रेस कमेटी ( शहर/ग्रामीण ) ने 5 सितम्बर को सर्वपल्ली राधा कृष्णन की जयंती मनाई और उनकी छायाचित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें याद की गईं,
इस अवसर पर शहर अध्यक्ष विजय पांडेय ने कहा कि सर्वपल्ली राधा कृष्णन एक फिलॉस्फर , शिक्षक थे ,जिनका राजनीति से कोई सरोकार नही रहा किन्तु नेहरू जी ने उनकी योग्यता और काबिलियत को देखते हुए राष्ट्र विकास में उनके सहभागिता सुनिश्चित की ,उन्हें सोवियत रूस में राजदूत बनाकर भेजा गया ,वे दो बार उपराष्ट्रपति बनाये गए और देश का दूसरा राष्ट्रपति बने उन्हें कई सम्मानों से नवाजा गया ,उन्हें भारतरत्न की उपाधि भी दी गई।
संयोजक ज़फ़र अली, एसएल रात्रे,हरीश तिवारी, चंद्र प्रकाश देवरस ने कहा कि सर्व पल्ली राधा कृष्णन का जन्म एक कुलीन ब्राम्हण परिवार में हुआ , पिता राजस्व विभाग में सेवा रत थे, राधा कृष्णन तीक्ष्ण बुद्धि के मेघावी छात्र रहे ,उनका प्रिय विषय रहा भारतीय दर्शन , वे दर्शन शास्त्र के प्रोफेसर रहे ,चार विश्वविद्यालयो में वाईस चांसलर भी रहे ,उन्हीने विवेकानन्द के बाद भारतीय दर्शन को विश्वपटल पर स्थापित करने वाले थे , उनका दर्शन अद्वैत वेदान्त पर आधारित था । जहां पश्चिम दर्शन का प्रभाव था ,ऐसे में भारतीय दर्शन को विश्व स्तर पर स्थापित करना बड़ी चुनौती थी ।
कार्यक्रम में शहर अध्यक्ष विजय पांडेय, संयोजक ज़फ़र अली,हरीश तिवारी, एसएल रात्रे,विनोद श्रम,त्रिभुवन कश्यप, चंद्र प्रकाश देवरस, माधव ओतलवार, चंद्र शेखर मिश्रा,विनोद साहू,सुभाष ठाकुर,अरविंद शुक्ल,पिंकी बत्रा, सावित्री सोनी, अफ़रोज़ खान,शांति उपाध्याय,त्रिवेणी भोई,अनिल घोरे,गणेश रजक,चन्द्रहास केशरवानी,बद्री जायसवाल,राजेन्द्र वर्मा,मनोज शर्मा,मनोज सिंह,मनोज शुक्ला,अनिल सिंह,लक्ष्मी जांगड़े आदि उपस्थित थे ।
