हर वह आदमी देश भक्त है जो अपना काम ईमानदारी से समय पर करता है :- डॉ लोकेश शरण


बुधवार को अंचल के प्रतिष्ठित सी. एम. दुबे स्नातकोत्तर महाविद्यालय  सभागार में इतिहास विषय के अंतर्गत स्वतंत्र भारत के लिए शहीदों के योगदान के ऊपर महत्वपूर्ण कार्यशाला का आयोजन किया गया।

इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. लोकेश कुमार शरण एवं कार्यक्रम की अध्यक्षता शासी निकाय अध्यक्ष डॉ. संजय दुबे जी ने की।

कार्यक्रम का शुभांरभ मां सरस्वती की पूजा-अर्चना के साथ की गई।
सीएमडी महाविद्यालय में आयोजित व्याख्यान में मुख्य वक्त के रूप में शामिल हुए डॉ लोकेश शरण
हम साइंस के छात्र हो, आर्ट के हो या कामर्स के लेकिन हमे अपना इतिहास पता होना चाहिए। नहीं तो हम अपने इतिहास की गलत व्याख्या करने लगेंगे। उक्त बाते सुप्रसिद्ध लेखक एवं इतिहासकार डॉ. लोकेश शरण ने सीएमडी महाविद्यालय में आयोजित व्याख्यान में छात्र छात्रों को संबोधित करते हुए कही।

उन्होंने भारत की स्वतंत्रता संग्राम में बलिदान देने वाले स्वतंत्रता सेनानियों का जिक्र करते हुए कहा कि उनकी खून पसीने और बलिदान से यह स्वतंत्रता आज हमको मिली है। उन्होंने कहा कि सिर्फ वन्देमातरम या भारत माता की जय कहने से कोई देश भक्त नहीं हो जाता । हर वह आदमी देश भक्त है जो अपना काम ईमानदारी से समय पर करता है। यदि आप अपना काम ठीक से ईमानदारी से समय पर करते है तभी वह सच्ची देश भक्ति होगी। यदि एक किसान ईमानदारी समय पर खेती करता है,एक शिक्षक ईमानदारी समय पर छात्रों को पढ़ता है तो ये सभी देश भक्त है।


हमारे इतिहासकारों ने हमसे बहुत कुछ छुपाया  है। जिसका परिणाम आज हमारे युवा पीढ़ी को देश की स्वतंत्रता में अपनी कुर्बानी देने वाले शहीदों की असली गाथा मालूम नहीं है। किस तरह के जुल्मो सितम उनके साथ अंग्रेजी ने किया, किस तरह से उन्होंने यह आजादी की लड़ाई लड़ी। तब जा कर आज हमे यह स्वतंत्रता से जीने का अधिकार मिला। वीर सावरकर के भाई को सिर्फ कविता लिखने पर कालापानी की सजा दे दी गई थी। प्रयागराज में नीम के पेड़ पर 400 से अधिक लोगों को लटकाकर फंसी दे दिया गया । लेकिन आज वहा वह पेड़ नहीं है,अंग्रेज नहीं चाहते थे कि देश भक्ति के लिए प्रेरित करने वाली कोई निशानी भारत में मौजूद रहे। इसलिए उन्होंने उसे कटवा दी। आज वहां मौजूद है तो सिर्फ धूल खाती शिलालेख।
श्री शरण ने छात्रों को देश भक्ति के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि देश के शहीदों की गाथा उनकी कुर्बानी को जाने बिना आपको अपने देश से प्यार नहीं हो सकता। आप इस आजादी का मूल्य नहीं समझ पाएंगे। इसलिए आप सभी को अपने देश के इतिहास को जानना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि देश के स्वतंत्रता सेनानियों की कहानी हमारे किताबो में बहुत शुरुआत से ही पढ़ाई जानी चाहिए ताकि बच्चे भारत की आजादी का मूल्य समझ सके।

इस कार्यक्रम के दौरान सीएमडी महाविद्यालय के चेयरमैन डॉ संजय दुबे, प्रभारी प्राचार्य डॉ संजय सिंह, डॉ. अंजली चतुर्वेदी, डॉ. के. के. जैन, डॉ. ए. के. दुबे, डॉ. एस. सर. बाजपेयी, डॉ. एस. पावनी, प्रो. रोहित लहरे, प्रो. नीलू कश्यप, सोनिल मिश्रा, प्रशांत गुप्ता एवं बड़ी संख्या में महाविद्यालय के छात्र छात्राएं उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ. के. के. शुक्ला ने किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!