ज़िला कांग्रेस कमेटी ( शहर/ग्रामीण ) द्वारा 5 अगस्त को कांग्रेस भवन में शहीद महेंद्र कर्मा जी की जयंती मनाई गई और उनके छायाचित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें याद किया गया ।
शहर अध्यक्ष विजय पांडेय ने कहा कि बस्तर टाइगर के नाम से जिनकी पहचान थी , महेंद्र कर्मा जी सच्चा आदिवासियों के रक्षक थे ,जिन्होंने आदिवासियों के हित के लिए कभी झुके नही , नक्सलियों के सामने सीने तानकर खड़े होने वाले महेंद्र कर्मा जी ने ” सलवा जुडूम ” के माध्यम से लगभग नक्सलियों के प्रसार को रोक दिए थे, इस से नक्सली इतने हताश और बखौलाहट में थे कि उनके जान के दुश्मन बन गए और 2013 की परिवर्तन यात्रा में नक्सली हमले में महेंद्र कर्मा जी शहीद हो गए ।
संयोजक ज़फ़र अली, हरीश ,विनोद साहू ने कहा कि 5 अगस्त 1950 को कर्मा जी का जन्म हुआ ,प्रारम्भ में कम्युनिस्ट विचार धारा के थे जो समय के साथ परिवर्तन हुआ और कांग्रेस से जुड़ गए ,ज़िला पंचायत से राजनीतिकजीवन की शुरुआत करने वाले कर्मा जी विधायक, सांसद, मंत्री, नेता प्रतिपक्ष तक कि सफर तय किये उन्होंने अपना जीवन बस्तर के विकास के लिए और आदिवासी समाज के उत्थान में लगा दिये ,कर्मा जी एक निर्भीक ,साहसी और निडर नेता थे ,उनका असमय मृत्यु होने से आदिवासी समाज और छत्तीसगढ़ को बड़ी क्षति हुई है ।
कार्यक्रम में शहर अध्यक्ष विजय पांडेय,संयोजक ज़फ़र अली, हरीश तिवारी,त्रिभुवन कश्यप, माधव ओत्तलवार,विनोद साहू, पिंकी बतरा ,सुभाष ठाकुर,राम दुलारे रजक,मनोज शर्मा,सावित्री सोनी, अफरोज बेगम,सुदेश नन्दिनी,पूजा श्रीवास्तव,दिनेश सूर्यवंशी, दीपक रायचेलवार, जिग्नेश जैन,गणेश रजक,रामचन्द्र क्षत्री,चन्द्रहास केशरवानी,सन्तोष गुप्ता,रेखेन्द्र तिवारी आदि उपस्थित थे ।