विकास को बढ़ावा: एसईसीएल ने पिछले 5 वर्षों में छत्तीसगढ़ में सीएसआर पर किए 260 करोड़ से अधिक खर्च
कंपनी विभिन्न क्षेत्रों में चला रही है सीएसआर परियोजनाएं
सरकारी अस्पतालों में सीटी स्कैन और एमआरआई मशीनें उपलब्ध कराने से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में किया जा रहा है बुनियादी ढांचे का विकास


छत्तीसगढ़ स्थित कोल इंडिया की सहायक कंपनी एसईसीएल ने वर्ष 2018-19 से 2022-23 के बीच छत्तीसगढ़ राज्य में विभिन्न क्षेत्रों पर सीएसआर के माध्यम से 260 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए हैं। भारत की दिग्गज कोयला कंपनियों में से एक, एसईसीएल अपनी सीएसआर गतिविधियों के माध्यम से सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं और ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के विकास जैसे प्रमुख क्षेत्रों में सक्रिय रूप से योगदान दे रही है। इन गतिविधियों ने छत्तीसगढ़ के सुदूर हिस्सों में रहने वाले आदिवासी समुदायों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
कंपनी ने आम लोगों के जीवन में बदलाव लाने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में सीएसआर गतिविधियों का संचालन किया है। पिछले 5 वर्षों में कंपनी ने अपने सीएसआर व्यय को पर्यावरण, शिक्षा, स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास परियोजनाओं, जैसे प्रमुख क्षेत्रों में केन्द्रित किया है। इसके साथ ही कंपनी ने स्वच्छ विद्यालय अभियान, स्वच्छ भारत मिशन, स्वच्छ गंगा मिशन आदि जैसे प्रमुख सरकारी कार्यक्रमों को भी सहायता प्रदान की है।


सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में कंपनी ने छत्तीसगढ़ इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, बिलासपुर को सीटी स्कैन और एमआरआई मशीनें और सरकारी मेडिकल कॉलेज, अंबिकापुर को एक सीटी स्कैन मशीन प्रदान की है। । इन मशीनों ने इन शहरों में स्वास्थ्य सेवाओं के बुनियादी ढांचे को काफी मजबूत किया है और लोगों को इन सुविधाओं का लाभ उठाने के लिए दूर-दूर तक यात्रा नहीं करनी पड़ती है।


देवरी खुर्द गांव (बिलासपुर से 23 किलोमीटर दूर स्थित) की निवासी जया बिनकर, जो सिम्स बिलासपुर में अपना सीटी स्कैन कराने आई थीं, ने कहा, “अस्पताल में सीटी स्कैन और एमआरआई की अच्छी सुविधाएं हैं। इनके यहाँ होने से हमें दूर नहीं जाना पड़ता और हम एक ही छत के नीचे डॉक्टर के परामर्श के साथ इन सुविधाओं का लाभ ले सकते हैं। ये सेवाएँ पूरी तरह से मुफ़्त हैं और हमें इससे बहुत फ़ायदा हुआ है।”
कंपनी ने स्कूलों का नवीनीकरण और पुनर्निर्माण, छात्रावासों का निर्माण, स्मार्ट-क्लास विकसित करने और बच्चों के लिए डेस्क और बेंच प्रदान करके छत्तीसगढ़ के सरकारी स्कूलों में शिक्षा के बुनियादी ढांचे को विकसित करने का भी काम किया है।


दिव्यांगजनों को सशक्त बनाने के लिए, कंपनी ने बिलासपुर में 100 बिस्तरों वाले छात्रावास के साथ एक कौशल विकास प्रशिक्षण केंद्र बनाया है जो उन्हें व्यावसायिक कौशल विकसित करने और नौकरी के अवसर प्राप्त करने में मदद कर रहा है। युवाओं को कौशल विकास के लिए कंपनी ने सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोकेमिकल्स इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (सिपेट) कोरबा के माध्यम से लगभग 1000 युवाओं को प्रशिक्षण दिया है। यहां से प्रशिक्षण प्राप्त कर युवा निजी एवं सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में रोजगार के अवसर प्राप्त कर रहे हैं।
कंपनी की सीएसआर गतिविधियां छत्तीसगढ़ के गांवों में रहने वाले लोगों के जीवन की बुनियादी जरूरतों को पूरा कर रही हैं। कंपनी सीएसआर के माध्यम से गांवों में आसान आवागमन के लिए सड़कें, पानी की कमी का सामना कर रहे आसपास के गांवों में खदानों से पानी की आपूर्ति करने के लिए पाइपलाइन, शौचालय आदि बनाने का काम कर रही है।
इनके अलावा कंपनी ने पेयजल, आजीविका संवर्धन परियोजना और कौशल विकास, राष्ट्रीय विरासत की सुरक्षा, कला और संस्कृति, युवाओं को खेल प्रशिक्षण, दिव्यांग/एससी/एसटी/महिलाओं/अनाथ बच्चों /सशस्त्र बल के पूर्व सैनिकों के कल्याण के क्षेत्रों में भी परियोजनाओं को कार्यान्वित और समर्थित किया है।

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