आकाश दत्त मिश्रा
बेटी को आए दिन सताने से तंग आकर ससुर ने ही अपने दामाद की जान ले ली। चौकानेवाले मामले में अंधे कत्ल की गुत्थी सुलझाते हुए कोटा पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
27 मई को कोटा थाना क्षेत्र के कलमीटार रेलवे ट्रैक के पास एक 30 वर्षीय युवक का शव पड़ा हुआ मिला था। पंचनामा के बाद भी शव की शिनाख्त नहीं हो पाई थी। पुलिस ने सोशल मीडिया और अन्य माध्यम से मृतक की पहचान जानने की कोशिश की , लेकिन कोई सफलता नहीं मिली। मृतक को आसपास मौजूद कोई ग्रामीण भी नहीं पहचान पाया। पुलिस ने पाया कि युवक के सर पर चोट के गंभीर निशान थे। संदेह था कि उसकी हत्या कर उसे रेलवे ट्रैक के पास फेंका गया होगा।
मृतक की पहचान जानना पुलिस के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रही थी । इधर जांच के दौरान मृतक के शर्ट से एक पर्ची मिली थी, जिसमें मंगला चौक स्थित किसी रेस्टोरेंट के मालिक का मोबाइल नंबर लिखा था। पुलिस ने इसी को आधार बनाकर रेस्टोरेंट के मालिक से संपर्क किया तो रेस्टोरेंट के मालिक ने बताया कि कुछ दिन पहले मृतक उनसे शेफ का काम मांगने आया था ।होटल के सीसीटीवी कैमरे में मृतक दिखा तो लेकिन इसके बाद में कहां चला गया यह पता नहीं लग पा रहा था।
पुलिस ने मंगला चौक, उसलापुर, नेहरू चौक, महाराणाप्रताप चौक, मंगला बस्ती और आसपास के सभी चौक चौराहों में लगे सीसीटीवी कैमरों को खंगाला। इसी दौरान 31 मई को मंगला चौक वंदना हॉस्पिटल के पास स्थित महावीर पैराडाइज होटल में लगे सीसीटीवी कैमरे में मृतक दिखा । लगभग 2 घंटे के भीतर वह कई बार होटल के आसपास आते जाते नजर आया। जब महावीर होटल के कर्मचारियों को मृतक का फोटो दिखा कर उसके संबंध में पूछताछ की गई तो पता चला कि मृतक होटल की महिला कर्मचारी दुर्गा सिंगरौल से कई बार मिलने आया था । जब पुलिस ने दुर्गा सिंगरौल को मृतक का फोटो दिखाया तो उसने मृतक की पहचान अपने पति योगेश्वर सिंगरौल के रूप में की ।
पुलिस ने यह क्लू मिलने के बाद दुर्गा सिंगरौल से कड़ाई से पूछताछ की तो चौंकाने वाला मामला सामने आया। दुर्गा का विवाह योगेश्वर के साथ कुछ साल पहले हुआ था लेकिन दोनों के बीच खटपट रहती थी। इसलिए 3 साल पहले दोनों पति-पत्नी अलग रहने लगे। बताया जा रहा है कि योगेश्वर सिंगरौल अपनी पत्नी दुर्गा के चरित्र पर शंका करता था, इसलिए वह महावीर होटल में भी बार-बार आकर उसके साथ मारपीट करता, जिसमें दुर्गा नौकरी करती थी। पति की हरकत से तंग आकर दुर्गा ने अपने पिता राम अवतार सिंगरौल को अपना दुखड़ा सुनाया। एक मजबूर पिता ने इसके बाद योगेश्वर सिंगरौल को रास्ते से हटाने का निर्णय लिया। इस काम के लिए राम अवतार ने अपने साथियों विनोद सिंगरौल और लखन साहू को तैयार किया।
घटना वाले दिन इन लोगों ने योगेश्वर सिंगरौल की जमकर पिटाई की और फिर उसके हाथ बांधकर मोटरसाइकिल में बिठाकर ग्राम मोछ ले गए जहां एक बार फिर से योगेश्वर को जमकर पीटा गया। इसी दौरान राम अवतार द्वारा अपने साथी तिफरा निवासी विशंभर लोनिया को भी बुला लिया गया। जिसके बाद चारों मोटरसाइकिल में योगेश्वर सिंगरौल को लेकर कलमिटार रेलवे स्टेशन के पास पहुंचे। वहां योगेश्वर सिंगरौल की एक बार फिर पिटाई की गई। इसी दौरान रामअवतार द्वारा रेलवे ट्रैक के पास पड़े एक पत्थर को उठाकर योगेश्वर के सिर के पीछे तरफ वार किया गया, जिससे योगेश्वर सिंगरौल वहीं गिर गया और उसकी मौत हो गई । इस मौत को दुर्घटना का रूप देने के लिए चारों ने शव को घसीट कर रेलवे ट्रैक पर रख दिया, ताकि ऐसा लगे कि रेल हादसे में योगेश्वर सिंगरौल की मौत हुई है। ऐसा कर सभी मौके से भाग गए।
जब उस ट्रेक से ट्रेन गुजर रही थी तो संजोग से ट्रेन ड्राइवर ने शव को देख लिया और शव के पहले ही ट्रेन रोक दिया, जिससे इनकी योजना नाकाम हो गई। बाद में मृतक की पहचान योगेश्वर सिंगरौल के रूप में हुई। पुलिस सीसीटीवी फुटेज का पीछा करते हुए उसकी पत्नी दुर्गा सिंगरौल तक जा पहुंची तो पता चला कि दुर्गा सिंगरौल ने ही अपने पति के अत्याचार से तंग आकर अपने पिता के माध्यम से पति को रास्ते से हटाया था।
पता चला कि योगेश्वर सिंगरौल अपनी पत्नी के चरित्र पर शंका कर आए दिन उसके साथ मारपीट किया करता था, जिससे बाप बेटी तंग आ चुके थे, इसलिए उनके पास इसके अलावा कोई चारा नहीं बचा था। इस अंधे कत्ल की गुत्थी सुलझने के बाद कोटा पुलिस ने हत्या के आरोप में मृतक ग्राम बरेवा पथरिया मुंगेली और वर्तमान में डबरी पारा सरकंडा में रहने वाले योगेश्वर सिंगरौल के ससुर मोछ तखतपुर निवासी रामअवतार सिंगरौल, खैरी तखतपुर निवासी विनोद सिंगरौल, मोछ निवासी लखन लाल साहू , यदुनंदन नगर सिरगिट्टी निवासी विशंभर लोनिया और मृतक की पत्नी दुर्गा सिंगरौल को गिरफ्तार कर लिया, जिसका खुलासा गुरुवार दोपहर किया गया।