

शराब बिक्री से हांसिल रकम को बैंक में ना जमा करा कर एक्सिस बैंक के कैशियर, शॉर्टर और कलेक्शन राशि को बैंक में जमा करने वाले निजी एजेंसी के कर्मचारी ने मिलीभगत कर 1. 27 करोड़ रुपए का गबन कर लिया। मामले का खुलासा सीए के ऑडिट में हुआ।
बिलासपुर के व्यापार विहार गुरु कृपा टावर के पास एक्सिस बैंक की शाखा है। एक्सिस बैंक के इस शाखा के मैनेजर दुर्जोति मुखर्जी ने बताया कि 23 दिसंबर को चार्टर्ड अकाउंटेंट सीएसएमसीएल के द्वारा जांच करने पर 11 बाउचर का मिलान तो हो गया जबकि 46 बाउचर का मिला नहीं हो पाया। इन 46 बहुचर की राशि 1.27 करोड़ का उल्लेख बैंक रिकॉर्ड में नहीं था। यह रकम 3 दिसंबर से लेकर 5 दिसंबर के बीच खाते में जमा नहीं हुआ था। इसकी जिम्मेदारी कैशियर राकेश प्रसाद की थी। शराब बिक्री की रकम अनुबंध के अनुसार टॉप सिक्योरिटी फैसिलिटी मैनेजमेंट के द्वारा बैंक में जमा कराया जाता है। यह बैंक का कर्मचारी नहीं है।

जब बैंक प्रबंधन ने कैशियर राकेश प्रसाद से इस संबंध में पूछताछ की तो उसने स्वीकार कर लिया कि टॉप सिक्योरिटी फैसिलिटी मैनेजमेंट एजेंसी के कर्मचारियों के साथ मिलकर उसने हेराफेरी की है और नगद राशि प्राप्त किए बिना ही कर्मचारी को पावती दे दी। इसके एवज में उसे मोटा कमीशन मिला। इस फर्जीवाड़े में बैंक के कैश शार्टर ज्वाला प्रसाद भी शामिल था। उसे भी एक करोड़ 27 लाख 53 हजार 30 रु में से हिस्सा मिलना था। राकेश प्रसाद ,ज्वाला प्रसाद के साथ इस गबन में टॉप सिक्योरिटी फैसिलिटी मैनेजमेंट एजेंसी का कर्मचारी उमेश पांडे भी शामिल था। इन लोगों ने धोखाधड़ी करते हुए आपस में ही इस भारी-भरकम राशि का बंदरबांट किया।

बताया जा रहा है कि राकेश प्रसाद को इसमें से 10% के हिसाब से 12 से 15 लाख रुपए मिला। इससे उसने गांव समोगढ़ देवरिया उत्तर प्रदेश में 4 लाख की जमीन खरीद ली। वही इस गबन के 1.8 लाख रुपए से उसने कार खरीदी। इतना ही नहीं इस रुपये से उसने एप्पल फोन, फ्रीज ,वाशिंग मशीन , पलंग और सोने चांदी के जेवरात भी खरीद लिए । कुछ रकम उसने घरेलू सामान खरीदने पर भी खर्च कर डाले।
इसी तरह दूसरे आरोपी ज्वाला प्रसाद को भी गबन की राशि में से करीब 15 लाख रुपए मिले। उसने इस रकम को अपनी शादी पर खर्च कर डाला। कुछ रकम उसने अय्याशी पर भी खर्च कर डाले। तीसरे आरोपी इमेश पांडे ने भी भारी-भरकम रकम अपने घरेलू खर्च और खाने-पीने पर खर्च डालें। इस मामले को समझाते हुए सिविल लाइन पुलिस ने 1.27 करोड रुपए से अधिक के घोटाले में तीनों आरोपियों को रिमांड पर ले लिया है , जिनसे पूछताछ जारी है।
