यूनुस मेमन
अंग्रेजी नव वर्ष का प्रथम दिन और रविवार का संगम, मानो पर्यटकों के लिए दोहरा अवसर बन गया। वैसे तो यह दिन अंग्रेजी कैलेंडर का प्रथम दिन था जिसका हिंदू पंचांग या हिंदू धार्मिक अनुष्ठानों से कोई लेना-देना नहीं, लेकिन सनातनी सभी परंपराओं का सम्मान करते हैं और अंग्रेजी नववर्ष का आरंभ भी देवी दर्शन और धार्मिक अनुष्ठानों से करना शुभ कारी मानते हैं । यही कारण रहा कि नवरात्र या कोई अन्य धार्मिक अनुष्ठान ना होने के बावजूद धार्मिक नगरी रतनपुर स्थित सिद्ध शक्तिपीठ मां महामाया मंदिर में इस दिन नवरात्रि की तरह भक्तों की लंबी- लंबी कतारें नजर आई।
बिलासपुर कोरबा और आसपास के क्षेत्रों से बड़ी संख्या में लोग मां महामाया के दर्शन और आराधना के लिए रविवार को मंदिर पहुंचे थे। इसी कारण से मंदिर परिसर में भक्तों की लंबी कतार नजर आयी। मंदिर और आसपास इस दिन नवरात्रि की तरह ही चहल-पहल दिखी। लोग घंटो घंटो कतार में लगकर देवी दर्शन और आराधना करते नजर आए। इस दिन यहां मेले जैसा नजारा रहा।
वैसे मेले जैसा नजारा खुटाघाट में भी दिखा। रतनपुर के पास स्थित यह प्रसिद्ध पिकनिक स्पॉट भी है। आम दिनों में भी लोग यहां बड़ी संख्या में सैर सपाटा और पिकनिक के लिए आते हैं। नव वर्ष और रविवार की छुट्टी के कारण यहां यह संख्या काफी बढ़ गई। हजारों की संख्या में लोग खूंटाघाट जलाशय पहुंचे, जिनमें से अधिकांश लोग पिकनिक का भी मजा लेते नजर आए ।
रतनपुर महामाया मंदिर के अलावा इस दिन अन्य मंदिरों में भी भक्तों की भीड़ नजर आई। वैसे तो नववर्ष के उत्सव का आरंभ शनिवार रात से ही हो गया था और यह रविवार शाम तक जारी रहा।