पर्चा बिगड़ने पर घबराकर छात्रा ने पी लिया डिटॉल, इलाज के दौरान हुई मौत

परीक्षा में असफल हो जाने का बच्चों पर इस कदर दबाव है कि वे नाकाम होने की आशंका से मौत को भी गले लगाने से गुरेज नहीं करते। ऐसी ही कोशिश में 18 वर्षीय छात्रा की मौत हो गई। सरकंडा बंधवा पारा अटल आवास में रहने वाली 18 वर्षीय कल्पना कक्षा 12वीं ओपन स्कूल परीक्षा दे रही थी। पता चला कि 21 मार्च को कल्पना परीक्षा देकर घर पहुंची। शायद उसका पर्चा बिगड़ गया था। इसी वजह से उसने शाम को डिटॉल पीकर खुदकुशी करने का प्रयास किया। जैसे ही परिजनों को इसकी जानकारी हुई , वे उसे लेकर भागे-भागे सिम्स पहुंचे, जहां उसका इलाज चल रहा था, लेकिन उपचार के दौरान 23 मार्च की सुबह कल्पना की मौत हो गई ।परिजनों के साथ पुलिस को भी आशंका है कि परीक्षा में नाकामी, तनाव और डिप्रेशन के चलते ही कल्पना ने ऐसा कदम उठाया होगा । शनिवार को पोस्टमार्टम के बाद शव को परिजनों को सौंप दिया गया , वहीं पुलिस सभी पहलुओं पर जांच करते हुए आगे की कार्यवाही कर रही है।
अक्सर पेरेंट्स बच्चों पर इस कदर दबाव बनाते हैं जिससे बच्चे इस प्रकार का कदम उठाने को विवश हो जाते हैं , तो वहीं कुछ बच्चों में भी असफलता को लेकर इस कदर फोबिया होता है कि वे असफल होने से बेहतर मौत को गले लगाना समझते हैं। जबकि बच्चों को समझना होगा कि जिंदगी अपने आप में एक परीक्षा है। किसी एक परीक्षा में सफल या असफल होने से पूरी जिंदगी कभी नाकाम नहीं हो जाती।

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