
यूनुस मेमन

फर्जी दस्तावेजों के जरिए लाखों रुपए का लोन लेकर ठगी करने के आरोप में तीन आरोपियों को कोटा पुलिस ने गिरफ्तार किया है । इस संबंध में 17 नवंबर 2022 को कोटा थाने में धोखाधड़ी का मामला पंजीबद्ध किया गया था। गुलमोहर पार्क कॉलोनी उसलापुर में रहने वाले रेलवे के ठेकेदार अजय सिंह ने शिकायत दर्ज कराई थी कि साल 2016 में शुभम विहार बिलासपुर के पास रहने वाले कौशल सिंह ने मकान बनाने के लिए उन्हें एक जमीन दिखाई थी और मकान बनाने हेतु कोटा सेंट्रल बैंक से लोन दिलाने के नाम पर ब्रांच मैनेजर मनीष तिवारी से मिलवाया था।
उस दौरान ब्रांच मैनेजर ने अजय सिंह के दस्तखत कुछ कागजों पर लिए थे और कहा था कि लोन सेक्शन हेतु कागज आगे प्रेषित करेगा। लोन सैंक्शन होने के बाद कुछ और दस्तावेज जमा कराने की बात कही गई थी। लेकिन बाद में जमीन का सौदा नहीं हो पाया और लोन लेने की बात भी आई गई हो गई । लेकिन जब साल 2018 में अजय सिंह एक स्कूटी फाइनेंस कराने पहुंचे तो उन्हें पता चला कि उनके नाम से एक होम लोन चल रहा है जिसके कारण उनका सिबिल खराब है और उनको स्कूटी नहीं मिल सकती। इस संबंध में जब अजय सिंह ने बैंक मैनेजर करगी रोड कोटा से संपर्क किया तो वह गोलमोल जवाब देकर गुमराह करता रहा। इस संबंध में जब नरेंद्र मोटवानी और राजेश सिंह ठाकुर से संपर्क किया गया तो वे भी उसी तरह की बात करने लगे।
जानकारी मिली की साल 2016 में अजय सिंह ने जो दस्तावेज जमा किए थे उसके आधार पर बैंक मैनेजर मनीष तिवारी, कौशल सिंह द्वारा गोविंदा कंस्ट्रक्शन व्यापार विहार बिलासपुर के भागीदार राजेश सिंह ठाकुर और नरेंद्र कुमार मोटवानी के साथ मिलकर 14 लाख रुपए का कर्ज लिया था और चेक के माध्यम से राशि आहरित कर ली थी। इसकी जानकारी तक अजय सिंह को नहीं थी। 14 लाख रुपए का लोन हड़प लेने वाले षड्यंत्र करियो ने फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल किया था ।यहां तक कि वे ब्याज तक नहीं पटा रहे थे , जिस कारण 14 लाख का होम लोन बढ़कर 24 लाख का हो गया। फर्जीवाड़े का शिकार हुए अजय सिंह पर ही बैंक, होम लोन पटाने का दबाव बनाने लगा। जिसके बाद उन्होंने कोटा थाने में शिकायत दर्ज की थी। जांच के बाद मामले को सही पाया गया और कोटा पुलिस ने इस संबंध में धोखाधड़ी के आरोपी राजेश सिंह ठाकुर, नरेंद्र कुमार मोटवानी और कौशल सिंह को गिरफ्तार किया है। फर्जी दस्तावेज तैयार करने में बैंक मैनेजर मनीष तिवारी की भी अहम भूमिका रही।
