

जांजगीर-चांपा जिले के अकलतरा कटनई स्थित श्री सिद्ध देव पहारीया पाठ में पर्यटन की अपार संभावना है। यहां देवी दुर्गा का प्राचीन मंदिर आसपास के क्षेत्र में आस्था का केंद्र है, तो वही परिसर में शक्ति के अलावा राधा कृष्ण मंदिर और अन्य मंदिर भी मौजूद है, जहां दूर-दूर से भक्त दर्शन के लिए आते हैं। वनांचल और पहाड़ी इलाका पर्यटन के दृष्टिकोण से भी मनोहारी है। स्थानीय लोगों के अनुसार पहारिया पाठ मंदिर का 400 साल पुराना इतिहास है। यहां ग्रामीणों ने जनभागीदारी और एनएसएस के सहयोग से कई निर्माण कार्य कराया है। मंदिर पहुंचने के लिए 65 सीढ़ियों का निर्माण भी राष्ट्रीय सेवा योजना के छात्र-छात्राओं ने श्रमदान कर किया है। तत्कालीन स्थानीय प्राचार्य एस एन निराला की इस पूरे कार्य में अहम भूमिका रही है, इसीलिए वे इस वर्ष के एनएसएस कैंप के उद्घाटन समारोह में भी बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए।

साल 1991 से यहां राष्ट्रीय सेवा योजना के विद्यार्थी कैंप लगाकर आसपास सेवा कार्य करते रहे हैं। यहां हर वर्ष एनएसएस कैंप लगता है। इस वर्ष के कैम्प की शुरुआत शुक्रवार को हुई। बताया जा रहा है कि अब तक 4600 से अधिक एनएसएस विद्यार्थी यहां अपना अपनी सेवा दे चुके हैं। इस वर्ष तीन सेवा योजना इकाई कैम्प में शामिल हो रहे हैं, जिनकी योजना यहां सुव्यवस्थित सड़क निर्माण की है। साथ ही परिसर में मौजूद तालाब के गहरीकरण पर भी काम किया जाना है ताकि निस्तारित के लिए 12 महीने इसमें पानी उपलब्ध हो सके। उद्घाटन समारोह में बिलासपुर एसबीआर कॉलेज के प्रिंसिपल एसएल निराला ने मुख्य अतिथि की आसंदी से कहा कि उनके कार्यकाल के समय से जिस अभियान की शुरुआत हुई थी उसमें काफी कुछ हासिल हो चुका है, लेकिन अभी भी काफी कुछ किया जाना बाकी है। जनभागीदारी से निर्मित मंदिर को पर्यटन विभाग को सौंपने की भी योजना है। साथ ही आसपास के विकास के लिए शासन को भी प्रस्ताव भेजा गया है।

ग्रामीणों का मानना है कि यहां मौजूद सिद्ध मंदिर में प्रार्थना करने पर सभी की मनोकामनाएं पूरी होती है। अगर पर्यटन विभाग और शासन की ओर से इसके उत्थान एवं उन्नयन पर रुचि दिखाई जाए तो यह भी छत्तीसगढ़ का बड़ा पर्यटन केंद्र के रूप में उभर सकता है। इस समारोह में एनएसएस द्वारा बिलासपुर के पत्रकार आलोक अग्रवाल का भी स्मृति चिह्न देकर सम्मान किया गया।
