
आकाश दत्त मिश्रा

इन दिनों रात 3:00 बजे से ही सरकारी केंद्रीय बैंक के सामने किसानों की कतार लगनी शुरू हो जाती है। धान बिक्री के ऐवज में मिलने वाले बोनस की राशि के लिए इन किसानों को घंटों खड़ा रहना पड़ता है। हालात यह है कि किसान यहां रात 3:00 बजे के ही करीब पहुंच जाते हैं और कतार में लग जाते हैं। इतने घंटे कतार में खड़ा ना रहना पड़े इसके लिए किसानों ने भारत में प्रचलित जुगत अपनायी है। किसान अपने स्थान पर जूता, चप्पल, थैला आदि कुछ भी रख देते हैं और फिर किनारे बैठकर अपनी बारी की प्रतीक्षा करते हैं।

S भारत की टीम जब मौके पर पहुंची तो पाया कि सामानों की यह लाइन भी बहुत लंबी है। किसानों ने बताया कि कुछ किसान सुबह पहुंचे हैं तो वहीं कुछ एक किसान रात 3:00 बजे से ही पहुंच कर आगे लाइन में अपने जूते चप्पल रख देते हैं। इन किसानों को कई कई घंटों कतार में रहने के बाद बोनस का पैसा मिल पा रहा है। वैसे बैंक में सुबह 10:00 बजे से किसानों को खरीफ वर्ष 2021 की तीसरी किस्त का भुगतान किया जा रहा है। बैंक के बाहर किसानों की भारी भीड़ नजर आ रही है तो वहीं उनके वाहन, साइकल आदि से आसपास का इलाका पटा हुआ है ।

बैंक के भीतर भी पैर रखने की जगह नहीं है। धक्का खा कर किसान अपना पैसा हासिल कर रहे हैं। किसानों ने कहा कि अगर काउंटर की संख्या बढ़ाई जाए तो फिर उन्हें कुछ राहत मिल सकती है । किसानों को यहां चेक की पर्ची मिलने से लेकर दूसरे काम में तमाम असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है। यहां उनकी मदद करने वाला भी कोई नहीं है, यहां तक की पासबुक प्रिंट करने और फॉर्म भरने जैसे काम के लिए भी उन्हें दूसरे की मदद लेनी पड़ रही है। अधिकांश जगह तो बैंक के गार्ड किसानों को भीतर तक नहीं जाने दे रहे हैं। शासन की घोषणा के अनुसार बिलासपुर जिले में 75 करोड रुपए बतौर बोनस बांटे जा रहे हैं, जिस कारण बैंक के सामने किसानों की भीड़ उमड़ी है, लेकिन बैंक प्रबंधन ने इसके लिए कोई अतिरिक्त व्यवस्था नहीं की है। असली मुसीबत इस वजह से है क्योंकि किसानों को एटीएम कार्ड मुहैया नहीं कराया गया है। अगर उनके पास एटीएम कार्ड होता तो फिर उन्हें इस तरह से लंबी कतार में लगकर इस तरह असुविधाजनक तरीके से पैसे निकालना नहीं पड़ता। वो जहां चाहे अपना पैसा निकाल सकते थे, लेकिन ना तो एटीएम है और ना ही एटीएम बूथ। ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति और भी खराब है।

बड़ी संख्या में बुजुर्ग और महिला किसान भी बोनस की राशि लेने पहुंचे हैं, उन्हें भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। बैंक के बाहर ना तो पानी की व्यवस्था है और ना ही शौचालय की और किसानों को आधी रात से लेकर शाम तक बैंक के सामने ही समय गुजारना पड़ रहा है , जिसे लेकर शासन को अतिरिक्त व्यवस्था करनी चाहिए थी, ताकि किसान इस तरह से परेशान ना हो।
