पाकिस्तान के एक मंत्री चौधरी फयाज ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में मोदी को हराने की अपील कर चुनावी माहौल में खलबली मचा दी है।
इंडिया टी वी की एक रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान के मंत्री चौधरी फहाद ने एक ट्वीट कर कहा कि मोदी के कारण इस पूरे क्षेत्र में परेशानी हो रही है। अपने ट्वीट में पाकी मंत्री ने दिल्ली की जनता से अपील की है कि…इस चुनाव में मोदी (भाजपा) को हराएं।
पाकिस्तानी मंत्री के इस ट्वीट की जानकारी मिलते ही दिल्ली के मुख्यंमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल ने एक ट्वीट कर पाकिस्तान के मंत्री की अपील का जवाब देते हुए कहा है कि मोदी जी हमारे भी प्रधानमंत्री हैं। और दिल्ली चुनाव हमारा(भारत का) आंतरिक मामला है। इसलिए इसमें बाहरी लोगो को दखल देने की कोइ जरूरत नहीं है।
दरअसल इस चुनाव के लिए और उसके पहले भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके गृह मंत्री अमित शाह समेत कई नेता अपनी सभाओं में आम आदमी पार्टी और काँग्रेस के नेताओ पर(सर्जिकल स्ट्राईक व बालाकोट मामले के समय से ) यह आरोप लगाते ही रहते है कि उनकी बातों से पाकिस्तान को फायदा पहुचता रहता है। अर्थात पाक इन पार्टियों के नेताओ को अपने अनुकूल पाता है। भाजपा का सदैव यह आरोप रहा है कि इंनके (कांग्रेस व आप नेताओ के ) बयानों से संयोगवश ही सही नापाक- पाक को कूटनीतिक बखेड़ा करने का मौका मिलता ही रहता है।शायद यही वजह है कि पाकिस्तान के मंत्री चौधरी फहाद ने अतिउत्साह में आकर दिल्ली की जनता से एक ट्वीट के जरिये अपील कर दी है कि वह इस विधानसभा चुनाव में मोदी को हरा दें। मतलब प्रकारान्तर में उन्होंने दिल्ली के लोगो से (चौधरी फहाद ने) इस चुनाव में भाजपा की हराने या कहे अप्रत्यक्ष रूप से आम आदमी या काँग्रेस को जिताने के लिए कहा है। जाहिर है कि पाकिस्तान के एक मंत्री द्वारा खुलमखुल्ल्ला दिल्ली के विधानसभा चुनाव में भाजपा को हराने की अपील करने से दिल्ली की चुनावी राजनीति में बवाल मचना तय है। शायद चतुर सुजान केजरीवाल ने इसके राजनीतिक प्रभावों को जानकर ही बिना कोई देर किये ट्वीट कर पाकिस्तान के मंत्री को उल्टे जवाब दे दिया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनके(केजरीवाल के) भी प्रधानमंत्री हैं। और दिल्ली चुनाव हमारा आंतरिक मामला है। इसमें बाहर के लोगो के दखल की कोई जरूरत नही है। अब देखना यह होगा कि केजरीवाल अपनी इस पहल से पाकी मंत्री की अपील से होने वाले नुकसान को कितना कम कर पाएंगे ?
रहा सवाल काँग्रेस का तो उसके रणनीतिक सुरमा अभी चार छह दिन तो इस पर प्रतिक्रिया देने के लिए विचार मंथन में ही बितादेंगे।दरअसल, वहां कभी किसी को- किसी भी बात की हड़बड़ी रही हो, ऐसा कभी दिखता ही नहीं।