

बिलासपुर | तेज रफ्तार और लापरवाह ड्राइविंग ने शहर में दो अलग-अलग जगहों पर हादसे करा दिए। एक मामले में ग्राम ढेका के सरपंच की कार को दूसरी कार ने टक्कर मार दी, जबकि दूसरे हादसे में बाइक की टक्कर से 15 वर्षीय किशोर की मौत हो गई।
पहला मामला कोतवाली थाना क्षेत्र के दयालबंद रोड का है। मंगलवार की रात ग्राम ढेका के सरपंच मनीष घोरे अपने साथी उमेश कुमार मौर्य, मूलचंद सिंह राजपूत और जीतू ठाकुर के साथ कार (सीजी 10 बीएन 6677) से गांधी चौक से ढेका लौट रहे थे। रात करीब 10:40 बजे जैसे ही वे शीतला मंदिर के पास पहुंचे, उसी दिशा से आ रही एक तेज रफ्तार कार (सीजी 10 एफए 2351) ने उनकी गाड़ी को जोरदार टक्कर मार दी। हादसे में सरपंच की कार का आगे का हिस्सा बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया, हालांकि सभी सवार बाल-बाल बच गए। घटना के बाद आरोपी कार चालक मौके से फरार हो गया। पुलिस ने सरपंच की रिपोर्ट पर केस दर्ज कर उसकी तलाश शुरू कर दी है।
दूसरा हादसा कोनी थाना क्षेत्र के सेंदरी गांव में हुआ। 29 सितंबर की रात नवरात्र की सप्तमी पर 15 वर्षीय राका उर्फ जितेंद्र घृतलहरे अपने दोस्त निलेश उर्फ टोबो लहरे के साथ बाइक (सीजी 10 बीयू 3670) से कछार मोड़ की ओर जा रहा था। इसी दौरान सामने से आ रही एक तेज रफ्तार बाइक (सीजी 10 ईएल 8368) ने उन्हें टक्कर मार दी। इस हादसे में राका गंभीर रूप से घायल हो गया और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। पुलिस जांच के बाद अब आरोपी बाइक चालक के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज कर कार्रवाई कर रही है।
दोनों घटनाओं ने फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि शहर में तेज रफ्तार और लापरवाही से वाहन चलाने वालों पर सख्त निगरानी कब होगी।
