


असत्य पर सत्य, बुराई पर अच्छाई,अहंकार पर विनम्रता के विजय पर्व, विजयदशमी पर जगह जगह बुराई के प्रतीक रावण के पुतलो का दहन किया गया। इसी क्रम में श्री राम दशहरा उत्सव समिति, राजकिशोर नगर द्वारा सरस्वती शिशु मंदिर प्रांगण में रावण दहन कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जहां 35 फुट ऊंचे रावण का दहन मुख्य अतिथि पाटलिपुत्र संस्कृति विकास मंच के सचिव , भारतीय जनता पार्टी सांस्कृतिक प्रकोष्ठ प्रदेश सदस्य एवं प्रभारी रायगढ़ एवं कोरबा डॉ धर्मेंद्र कुमार दास ने किया। उनके साथ वार्ड पार्षद संध्या तिवारी , श्रीमती शेषराज हरबंस, नवल वर्मा और भाजपा नेत्री किरण सिंह भी शामिल थे।

संध्या करीब 8 बजे यहां रावण के पुतले का दहन किया गया। आयोजन का यह आठवां वर्ष है। बड़ी संख्या में मौजूद दर्शकों ने हर्ष ध्वनि के साथ रावण दहन का आनंद लिया। इस अवसर पर यहां आतिशबाजी भी की गई। रावण दहन से पूर्व राम- रावण और दोनों की सेनाओं के बीच राम रावण युद्ध एवं रावण वध का प्रसंग प्रस्तुत किया गया। साथ ही राम दरबार की झांकी और गड़वा बाजा ने समा बांध दिया।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि डॉ धर्मेंद्र दास ने कहा कि हर वर्ष दशहरा महोत्सव हमें यह संदेश देता है कि बुराई की ताकत कितनी भी हो, लेकिन उसे अच्छाई के आगे हार माननी ही पड़ती है । रावण दहन जहां हमें रावण की बुराइयों से सबक लेने की शिक्षा देता है, तो वहीं प्रभु श्रीराम के आदर्शों पर चलने की प्रेरणा भी दशहरा महोत्सव से मिलती है। नौ दिवसीय शारदीय नवरात्र और दुर्गा पूजा का समापन भले ही रावण दहन के साथ होता हो, लेकिन यह किसी के भी जीवन के लिए एक शुरुआत हो सकती है, जब वे भगवान श्रीराम के आदर्शों पर चलते हुए अपने भीतर कहीं किसी कोने में मौजूद रावण को इसी तरह अपने संकल्पों से भस्म कर सकता है। उन्होंने कहा कि रावण से हमें सीख मिलती है कि अगर हम में अहंकार है तो हमारा विनाश निश्चित है। अगर हम स्त्री पर कुदृष्टि डालते हैं, तो हमारा सर्वनाश होना ही है। अगर हमारे साथ हमारा भाई नहीं है तो हमारी हार निश्चित है । उन्होंने स्त्रियों का सम्मान करने, भाई से प्रेम करने और विनम्र जीवन जीने का संदेश दिया

रावण दहन के इस आयोजन में आयोजन समिति के विवेक तिवारी, धीरेंद्र सिंह, सोमदत्त पटेल, अमित पवार, दीपक भोसले, संजय सेलारकर, ट्विंकल भाटिया, सल्लू खान और श्री राम दशहरा उत्सव समिति के सदस्य बड़ी संख्या में मौजूद रहे, तो वही रावण दहन के आयोजन में शामिल होने क्षेत्र के लोग बड़ी संख्या में यहां पहुंचे थे जिन्होंने रावण दहन के पश्चात एक दूसरे को सोनपत्ति देकर विजयादशमी की शुभकामनाएं दी।

