यूनुस मेमन
शारदीय नवरात्रि की सप्तमी तिथि जिसे कालरात्रि भी कहा जाता है पर श्रद्धालुओं की भक्ति का अद्भुत नजारा एक बार फिर देखा गया। विगत 2 वर्षों से कोरोना प्रभावित समय काल में रतनपुर महामाया देवी मंदिर में जारी निषेध की वजह से श्रद्धालु पदयात्रा करते हुए रतनपुर नहीं जा पा रहे थे, लेकिन इस वर्ष कोरोना का प्रभाव काफी हद तक कम हो जाने के बाद मिली राहत से भक्तों में जबरदस्त उत्साह देखा गया । शाम ढलते ही श्रद्धालु रतनपुर की ओर रवाना होते नजर आए। धीरे-धीरे भक्तों की संख्या बढ़ती गई और रतनपुर एवं बिलासपुर की दूरी पद यात्रियों ने अपने कदमों से समेट लिया। शाम से लेकर तड़के तक पद यात्रियों का जत्था जय माता दी के जयघोष के साथ मंदिर की ओर बढ़ता रहा, जिसमें बच्चे, बूढ़े , जवान, नर नारी सभी शामिल थे। इन पदयात्रियों की सेवा के लिए इस बार भी जगह जगह अलग-अलग समितियों द्वारा स्टाल लगाए गए ,जहां पानी चाय फल बिस्किट मिष्ठान आदि प्रदान किए जाते रहे।
महा सप्तमी तिथि पर मां के कालरात्रि स्वरूप की पूजा अर्चना की जाती है। मां के इस स्वरूप के प्रथम दर्शन के लिए भक्त पदयात्रा करते हुए रतनपुर पहुंचते हैं और पूरी रात दर्शन पूजन का क्रम जारी रहता है। बिलासपुर के अलावा आसपास के क्षेत्रों से भी बड़ी संख्या में लोग पदयात्रा करते हुए रतनपुर पहुंचे। श्रद्धालुओं के उत्साह के आगे यह दूरी और थकान मानो खत्म हो गई थी। इनमें से अधिकांश लोग ऐसे हैं जो हर साल कालरात्रि पर पैदल ही रतनपुर जाते हैं, इनकी सेवा के लिए रास्ते पर 100 से अधिक स्टाल लगे हुए थे, जहां फल प्रसाद मिष्ठान चाय आदि ग्रहण करने के साथ यात्री विश्राम करते भी नजर आए ।अनुमान है कि एक लाख से अधिक पद यात्रियों ने रविवार शाम से लेकर सोमवार तड़के तक रतनपुर पहुंचकर मां महामाया के दर्शन किए, जिनके लिए मंदिर का पट पूरी रात खुला रहा। वही रास्ते में प्रकाश की व्यवस्था भी की गई थी ताकि पद यात्रियों को किसी तरह की समस्या ना हो। यातायात विभाग द्वारा भी पद यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर भारी वाहनों की आवाजाही रोक दी गई थी।
लाखों की संख्या में पदयात्रियों के रतनपुर पहुंचने के कारण यहां मंदिर में भी श्रद्धालुओं की लंबी-लंबी कतारें नजर आई।
श्रद्धालुओं का विश्वास है कि बिलासपुर से रतनपुर की दूरी पैदल तय कर मां महामाया के दर्शन करने से उनकी सभी मनोकामना पूरी होती है । करीब 2 वर्ष बाद कालरात्रि पर श्रद्धालुओं के पहुंचने के मद्देनजर मंदिर ट्रस्ट और जिला प्रशासन द्वारा विशेष व्यवस्था की गई थी। यहां पूरी रात यहां गहमागहमी रही। तो वहीं पूरा रतनपुर कालरात्रि पर जागता नजर आया।
इस दौरान पूर्व नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने भी सपरिवार रतनपुर पहुंचकर महामाया देवी की पूजा अर्चना कर आशीर्वाद प्राप्त किया और पूरे क्षेत्र वासियों के लिए मंगल कामना की। साथ ही वे भैरव बाबा मंदिर और लक्ष्मी देवी के भी दर्शन करने गए।
पद यात्रियों की वापसी के लिए जिला प्रशासन द्वारा विशेष बसों की व्यवस्था की गई है, जिसके माध्यम से पदयात्री धीरे-धीरे अपने घरों की ओर लौट रहे हैं।