दुर्गा पूजा के आयोजन में व्यवधान उत्पन्न न करने और एक दिन के लिए डीजे की अनुमति देने की मांग के साथ भाजयुमो ने कलेक्टर और एसपी को सौंपा ज्ञापन

आलोक

बिलासपुर में 1923 यानी कि करीब 100 साल से दुर्गा उत्सव मनाया जा रहा है। बंगाल से आने वाले रेल कर्मियों ने इसकी शुरुआत की थी । बिलासपुर में करीब 45 हज़ार बंगाली रहते हैं, इस कारण से भी दुर्गा पूजा यहां का सबसे बड़ा पर्व है । दुर्गा पूजा बिलासपुर की पहचान है, लेकिन कांग्रेस शासित राज्य में यातायात और कानून व्यवस्था के नाम पर इस में अवरोध उत्पन्न करने का आरोप लगाते हुए भाजयुमो ने कलेक्टर और एसपी को ज्ञापन सौंपा। पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल के दिशा निर्देश पर भाजयुमो के पदाधिकारी और कार्यकर्ता कलेक्ट्रेट पहुंचे और गेट के बाहर धरने पर बैठ गए। बाद में कलेक्टर और एसपी को ज्ञापन सौंपते हुए पहले की तरह ही दुर्गा पूजा मनाने देने की मांग की।

भाजयुमो ने कहा कि बिलासपुर में दुर्गा उत्सव समितियो द्वारा सुंदर पंडाल एवं झांकियों का आयोजन किया जाता है, जिसे देखने पूरा शहर उमड़ता है, इसलिए जन भावना का आदर करते हुए समितियों के उत्सव में अवरोध उत्पन्न न किया जाए। वही विसर्जन में एक दिन के लिए डीजे बजाने की अनुमति की मांग भी ज्ञापन में की गई है। ज्ञातव्य है कि आरटीओ ने वाहनों में डीजे बांधकर चलने पर पाबंदी लगा दी है वही पिछले दिनों सड़कों पर बनने वाले पंडाल को लेकर भी पुलिस और निगम की टीम मौके पर पहुंची थी और कई पंडाल को हटाने दबाव बनाया था, जिसे लेकर भारतीय जनता पार्टी के युवा मोर्चा ने अपना विरोध दर्ज कराया है।

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