घुमंतू जनजातियों को अभिशाप से मिली मुक्ति – रत्नावली
कांग्रेस मुख्यालय दिल्ली में हुई शामिल

अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण छग शासन सदस्य,छग महिला कांग्रेस की प्रदेश महासचिव,अनुसूचित जाति कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष,हिन्द सेना महिला ब्रिगेड राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं गुजरात विधानसभा चुनाव अहमदाबाद लोकसभा मुख्य पर्यवेक्षक रत्नावली कौशल ने नई दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू अनूसूचित जनजातियों के खिलाफ अंग्रेजो के बनाए अधिनियम की अधिसूचना को रद्द किए जाने की 70 वी वर्षगांठ पर आयोजित कार्यक्रम में सम्मिलित हुई।अजा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेश लिलोठिया के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में आयोजित कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राष्ट्रीय विमुक्त घुमंतु एवं अर्ध घुमंतु जनजाति आयोग के पूर्व अध्यक्ष बालकृष्ण सिद्राम रेनके,प्रसिद्ध विचारक एवं सामाजिक सांस्कृतिक कार्यकर्ता पद्मश्री प्रो. गणेश देवी,एससी, एसटी,ओबीसी एवं अल्पसंख्यक विभाग अभा कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय समन्वयक के. राजू विशिष्ट अतिथि थे! अपराधिक अनुसूचित जनजाति अधिनियम के समाप्ति दिवस एवं स्वाभिमान समारोह में देशभर से पहुंचे प्रख्यात विद्वानों, अनुसूचित जनजाति वर्ग के उत्थान के लिए कार्यरत विभूतियों एवं अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग के वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने संबोधित किया।
अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण छग शासन सदस्य रत्नावली कौशल ने कहां की श्री राजेश लिठोलिया ने अभा कांग्रेस कमेटी अनुसूचित जाति विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष का दायित्व संभालने के बाद समाज के दबे कुचले लोगों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए कामयाब पहल की है, उनकी उत्कृष्ट पहल के चलते अब कांग्रेस से विमुख होते जा रहे अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग के लोग अब फिर से कांग्रेस से जुड़ने लगे हैं,इन वर्गों के लोगों में नए विश्वास एवं ऊर्जा का संचार हुआ है! सुश्री कौशल ने भरोसा जताया कि श्री लिलोठिया द्वारा की जा रही पहल कांग्रेस पार्टी के लिए निश्चित रूप से लाभदायी साबित होगा और केंद्र की सत्ता में कांग्रेस पुनः परचम लहराएगी। सुश्री रत्नावली कौशल ने कहा कि थूमंतू अर्ध घुमंतु जनजातियों पर जो कलंक अंग्रेज सरकार ने लगा रखा था,उसे मिटाने का ऐतिहासिक काम भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू ने किया, पं. नेहरू ने इन जनजातियों को स्वाभिमान के साथ जीने की राह दिखाई,आदिम जनजाति के लोग शुरू से ही जल, जंगल और जमीन की रक्षा के लिए संघर्षरत रहे हैं, अंग्रेज शासन काल में कांग्रेस अधिकारी एवं सैनिक वनों का विनाश एवं वन्य प्राणियों के शिकार के लिए तत्पर रहते थे, आदिम जनजाति वर्ग के लोग उनकी इन करतूतों का पुरजोर विरोध किया करते थे,आपात परिस्थितियों में इस वर्ग के लोग अंग्रेजों के खिलाफ हथियार उठाने से भी नहीं चूकते थे,ऐसे में अंग्रेजी हुकूमत ने आदिम जनजातियों के दमन के लिए उन्हें अपराधी चरित्र का घोषित करने अपराधिक जनजाति अधिनियम एक अधिसूचना के माध्यम से लागू किया था,अंग्रेजों के शासन काल में इस अधिनियमको बल बनाकर आदिम जनजातियों पर बेतहाशा जुल्म किए गए,भारत के आजाद होने के बाद हमारे यशस्वी प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू ने इस काले कानून को रद्द कर दिया, इसी के साथ अंग्रेजों द्वारा अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोगों पर अंग्रेजों द्वारा सौंपा गया बदनुमा कलंक हमेशा हमेशा के लिए मिट गया, यही नहीं इस वर्ग के लोगों को स्वाभिमान के साथ जीने की राह भी पंडित नेहरू ने दिखाई,आज हमारी पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी,राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा भी अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग के लोगों के सम्मान एवं कल्याण के लिए ठोस कदम उठा रहे हैं,पार्टी में इन वर्गों के लोगों को सम्मानजनक स्थान दिया गया है, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल,प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम, प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष फूलों देवी नेताम द्वारा अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग के हित में की जा रही पहल का भी विशेष उल्लेख किया,उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपनी सरकार में अजा,अजजा वर्ग को सम्मानजनक प्रतिनिधित्व दिया है,भूपेश बघेल कैबिनेट में आधे से भी ज्यादा मंत्री इन वर्गों से है! सुश्री कौशल ने कहा कि हमारी भूपेश बघेल सरकार अजा, अजजा वर्ग के समग्र विकास के लिए वचनबद्ध होकर काम कर रही है,अंत में रत्नावली कौशल ने इस गरिमामय आयोजन के लिए श्री लिठोलिया के प्रति कृतज्ञता जताई!

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