

आलोक मित्तल

भाजपा नेत्री हर्षिता यादव के नेतृत्व में बड़ी संख्या में कोटा, सकरी क्षेत्र के लोगों ने एसपी कार्यालय पहुंचकर अपना विरोध दर्ज कराया । हर्षिता पांडे का कहना है कि राजनीतिक और निजी द्वेष के चलते कुछ लोगों को बेवजह टारगेट किया जा रहा है। इससे पहले भी भारतीय जनता पार्टी के आंदोलन के बाद पुलिस ने छोटे कार्यकर्ताओं पर मानसिक दबाव बनाने उनके खिलाफ एफ आई आर दर्ज किया था,जिसका भी विरोध किया गया था। अब कोटा पुलिस चक्का जाम करने वालों को भी इसी तरह से प्रताड़ित कर रही है। आरोप लगा था कि कोटा क्षेत्र के उमेन्द्र वर्मा की सेंट्रल जेल में मौत पुलिस की पिटाई से हुई है, जिसके विरोध में उनके समर्थकों ने गनियारी में रास्ते में उनके शव को रखकर चक्काजाम किया था।

13 फरवरी को सकरी कोटा मुख्य मार्ग के गनियारी के वर्मा मोहल्ला के पास उमेंद्र वर्मा के शव को रखकर चक्काजाम किया गया था। इस मामले में कार्यवाही की मांग की गई थी। जिसके बाद कोटा पुलिस द्वारा सोनू वर्मा, पवन वर्मा, विक्की वर्मा, रंजीत वर्मा, चमरा वर्मा को नोटिस भेजकर उन्हें थाने बुलाकर परेशान किया जा रहा है। यह सभी गनियारी के रहने वाले हैं। हर्षिता पांडे का आरोप है कि सैकड़ों लोगों में से कुछ लोगों को ही निशाना बनाया जा रहा है, इससे पूरा मामला संदिग्ध बन गया है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस भेदभाव पूर्ण नीति अपना रही है। तखतपुर विधायक और उनके लोगों के खिलाफ मारपीट के बाद आज तक f.i.r. नहीं करने का मुद्दा भी उन्होंने उठाया। इधर पुलिस इसे गाइडलाइन के तहत कार्यवाही बता रही है।

