मुख्यमंत्री ने दिया था निर्देश किसी भी सूरत में नदियों में नहीं होगा गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन , लेकिन महापौर ने बताया मिट्टी से बनी प्रतिमाओं के विसर्जन पर नहीं है कोई पाबंदी

आलोक मित्तल

एनजीटी के निर्देश पर मुख्यमंत्री ने पहले ही सभी कलेक्टर और जिला प्रशासन को निर्देशित किया है कि इस बार किसी भी सूरत में प्रतिमाओं का विसर्जन नदियों में ना किया जाए। वही प्लास्टर ऑफ पेरिस से मूर्ति निर्माण पर भी पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है। इस संबंध में बिलासपुर महापौर रामशरण यादव का कहना है कि उन्होंने पूर्व में ही सभी मूर्ति निर्माण स्थलों का निरीक्षण कर यह सुनिश्चित किया है कि कहीं प्लास्टर ऑफ पेरिस की प्रतिमा तो नहीं बनाई जा रही। वहीं गणेश चतुर्थी के पहले दिन यह दावा किया जा रहा है कि निगम के कर्मचारियों ने सभी पंडालों में जाकर यह जांचा है कि कहीं वहां प्लास्टर ऑफ पेरिस से बनी मूर्ति स्थापित तो नहीं की गई है।
महापौर रामशरण यादव ने कहा कि मिट्टी से बनी प्रतिमाओं का नदी में विसर्जन प्रतिबंधित नहीं है। उन्हें पहले की ही तरह नदी में विसर्जित किया जाएगा। हालांकि मुख्यमंत्री के निर्देश में यह कहा गया था कि गणेश प्रतिमा का विसर्जन किसी भी स्थिति में नदियों में नहीं किया जाएगा। मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार विसर्जन से पूर्व तालाब और घाट की साफ-सफाई के भी निर्देश दिए गए थे। वहीं यह भी कहा गया था कि तालाब और घाटों पर विसर्जन के पूर्व पूजन सामग्री को अलग से उपयुक्त स्थल पर एकत्र किया जाएगा, उन्हें नदियों में नहीं प्रभावित किया जाएगा। पूरे प्रदेश में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल और राज्य शासन के पर्यावरण से जुड़े मानकों के आधार पर गणेश प्रतिमा के विसर्जन की व्यवस्था करने की बात कही गई है। मुख्यमंत्री के निर्देश में साफ है कि नदी में मूर्तियों का विसर्जन किसी भी परिस्थिति में नहीं किया जाना है, ताकि नदी के जल को प्रदूषित होने से बचाया जाए। बिलासपुर महापौर रामशरण यादव हालांकि यह जरूर कह रहे हैं कि मुख्यमंत्री के निर्देश का अक्षरशः पालन होगा, लेकिन वे यह भी कह रहे हैं कि बिलासपुर के अरपा नदी में ही मिट्टी से बनी प्रतिमाओं का विसर्जन पहले की तरह ही होगा, इसलिए इसे लेकर भ्रम की स्थिति बन रही है।

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