
आलोक मित्तल

देश के बिजली संयंत्रों तक अबाधित रूप से कोयला पहुंचाने की गरज से दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे द्वारा कई स्पेशल ट्रेन चलाई जा रही है। कोयला पहुंचाने के मकसद से कई यात्री ट्रेनों को रद्द भी किया गया है, वहीं एक साथ अधिक से अधिक मात्रा में कोयला पहुंचाने के मकसद से सुपर स्पेशल ट्रेन भी चलाई जा रही है। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने इससे पहले सुपर वासुकि, एनाकोंडा और शेषनाग नाम से अधिक रैक वाली ट्रेन चला चुकी है। अब 3.3 किलोमीटर लंबी सुपर वासुकि ट्रेन चलाई गई। सोमवार दोपहर 1:30 बजे के करीब यह ट्रेन कोयला लेकर बिलासपुर रेलवे स्टेशन से गुजरी। इस नजारे को देखना अद्भुत था। 5 हॉर्स पावर इंजन और 295 रैक वाली यह सुपर वासुकि ट्रेन 167 किलोमीटर की दूरी तय कर रही है। एक साथ 295 रैक कोयला का लदान कर सुपर वासुकि ट्रेन में नई उपलब्धि कायम की है ।दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे इसी तरह सुपर स्पेशल मालगाड़ी और सामान्य मालगाड़ी के माध्यम से अधिक से अधिक कोयला देशभर के बिजली संयंत्रों तक पहुंचा रही है।

