
आलोक मित्तल

बिहार में सत्ता परिवर्तन की खबरों के बीच छत्तीसगढ़ में भी भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बदलने की खबर आ रही है। अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी भाजपा ने शुरू कर दी है ।एक तरफ जहां 90% प्रत्याशी बदले जाने की बात कही जा रही है तो वही 2023 विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बदले जाने की अटकलों के बीच बिलासपुर सांसद अरुण साव को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है। विधानसभा चुनाव 2018 में भाजपा की करारी हार के बाद से अब तक दो प्रदेश अध्यक्ष बदले जा चुके हैं।
बताया जा रहा है कि पार्टी ने लंबे समय तक कई पहलुओं पर मंथन किया, जिसमें जातिगत समीकरण, परिवार की पृष्ठभूमि, पार्टी पर मजबूत पकड़, युवा या अनुभवी ऐसे तमाम विषयों पर विचार किया गया। साथ ही अनुसूचित , जाति जनजाति, आदिवासी पिछड़े वर्ग के नेताओं पर भी विचार विमर्श हुआ। राजनीतिक समीकरण को देखते हुए भाजपा ने पिछड़े वर्ग से आने वाले अरुण साव पर भरोसा जताया है। सूत्रों के अनुसार भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बनने की दौड़ में कई नाम शामिल थे, जिसमें सामान्य वर्ग से सांसद संतोष पांडे के अलावा पिछड़ा वर्ग से विजय बघेल और नारायण चंदेल के नाम भी शामिल थे।
भाजपा का इतिहास रहा है कि आदिवासी अध्यक्ष को हटाकर किसी दूसरे आदिवासी को जिम्मेदारी दी जाती है, लेकिन इस बार नई परिपाटी बनाई जा रही है। इसके साथ ही नेता प्रतिपक्ष और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दोनों ही पिछड़ा वर्ग का नेतृत्व करेंगे । भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने प्रदेश भाजपा की कमान बदलने की घोषणा की है।
एक सामान्य कार्यकर्ता से बिलासपुर सांसद बनने और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी पर पहुंचने वाले अरुण साव को छुपा रुस्तम माना जा सकता है ।उन्होंने लोकसभा में जिस तरह से अपने संसदीय क्षेत्र और प्रदेश के मुद्दों को उठाया है शायद इसी वजह से उन्हें वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय के स्थान पर नया प्रदेश अध्यक्ष चुना गया है।
वैसे जानकर यह कयास भी लगा रहे हैं कि आगामी विधानसभा चुनाव में बिलासपुर विधानसभा क्षेत्र से अरुण साव को भी मौका मिल सकता है। इसी बीच यह खबर भी आ रही है कि भारतीय जनता पार्टी चुनाव से पहले अपना नेता प्रतिपक्ष भी बदल सकती है । यानी भाजपा विधानसभा चुनाव से पहले एक नई टीम तैयार कर रही है ताकि नए सिरे से मैदान में उतरा जा सके।
